JNU मामला : आरोपी छात्रों ने किया सरेंडर, थाने में हुई 5 घंटे पूछताछ

नयी दिल्ली : जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय कैंपस में देश विरोधी नारे के आरोप में फरार पांच छात्रों में से दो ने मंगलवार आधी रात को सरेंडर कर दिया है. जिन दो छात्रों ने सरेंडर किया है उनके नाम उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य है. सरेंडरके बाद आरोपी छात्रों उमर खालिद और आनिर्बान भट्टाचार्य का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 24, 2016 7:26 AM

नयी दिल्ली : जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय कैंपस में देश विरोधी नारे के आरोप में फरार पांच छात्रों में से दो ने मंगलवार आधी रात को सरेंडर कर दिया है. जिन दो छात्रों ने सरेंडर किया है उनके नाम उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य है. सरेंडरके बाद आरोपी छात्रों उमर खालिद और आनिर्बान भट्टाचार्य का मेडिकल टेस्ट हुआ. खबर है कि पुलिस ने दोनों छात्रों से पांच घंटे तक पूछताछ की है. आज दोपहर दोनों आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा. बताया जा रहा है कि बाकी तीन आरोपी अभी भी कैंपस में ही हैं और अपने वकीलों से विचार-विमर्श कर रहे हैं.

आपको बता दें कि दोनों ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से मना करने के कुछ घंटे बाद आत्मसमर्पण किया. गत 12 फरवरी से लापता रहने के बाद दोनों रविवार की रात को जेएनयू परिसर में वापस लौट आए थे. वे एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक से विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार तक आए और दिल्ली पुलिस के वाहन में सवार हो गए और उन्हें अज्ञात स्थान पर ले जाया गया.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि खालिद और भट्टाचार्य ने मध्यरात्रि के करीब आत्मसमर्पण किया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों को साउथ कैंपस थाना में पुलिस हिरासत में रखा गया है. उन्हें बुधवार सुबह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा. खालिद और भट्टाचार्य उन पांच छात्रों में हैं जिन्होंने संसद भवन हमले के दोषी अफजल गुरु की नौ फरवरी को बरसी के मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की थी.

कन्हैया कुमार, खालिद और भट्टाचार्य के अलावा अन्य छात्र हैं रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश. दिल्ली पुलिस ने गत 20 फरवरी को खालिद, भट्टाचार्य, नागा, आशुतोष और प्रकाश के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था. विश्वविद्यालय के छात्रों ने मंगलवार शाम जब खालिद और भट्टाचार्य कैंपस से जा रहे थे तो मीडिया को उनका पीछा करने से रोकने के लिए मानव श्रृंखला बनाई थी.

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