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जाट आंदोलन : 2 और लोगों की मौत, मृतकों की संख्या 12 हुई

चंडीगढ़ : हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) पीके दास ने आज कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में आज दो और लोगों की मौत हो गई. इस तरह से मरने वालों की संख्या 12 हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सोनीपत में […]

चंडीगढ़ : हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) पीके दास ने आज कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा में आज दो और लोगों की मौत हो गई. इस तरह से मरने वालों की संख्या 12 हो गई और 150 से अधिक लोग घायल हो गए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि सोनीपत में मुनक नहर के निकट अकबरपुर-बारोटा में गोलीबारी से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि हांसी में दो समूहों के बीच झड़प में एक व्यक्ति मारा गया. राज्य सरकार के इस वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रशासन आंदोलनकारियों को अब तक इस बात के लिए मनाने में नाकाम रही है कि वे मुनक नहर से पानी की आपूर्ति बाधित करना खत्म करें.

दास ने कहा कि हांसी में जाटों और गैर-जाटों के बीच झड़प हुई जो चिंता का विषय है, लेकिन इस तरह की घटनाएं कुछ चुनिंदा इलाकों में हो रही हैं.

मारे गए लोग झज्जर, रोहतक और कैथल जिले के हैं. डीजीपी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता हरियाणा से दिल्ली को पानी की आपूर्ति बहाल करना है जो जाट आंदोलन के कारण प्रभावित हुआ है. जाट आंदोलन के कारण हरियाणा के मूनक नहर से दिल्ली को पानी की आपूर्ति बुरी तरह बाधित हुई है.

डीजीपी ने कहा, ‘‘हमारी पहली प्राथमिकता दिल्ली को अकबरपुर बरोटा प्वाइंट (सोनीपत में) से जल की आपूर्ति बहाल करना है. पुलिस, अर्द्धसैनिक बल और हरियाणा के सिंचाई विभाग की तकनीकी टीम वहां पहुंच गई है और हम इसे तुरंत बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं ताकि दिल्ली वासियों को असुविधा नहीं हो.’ डीजीपी ने गृह सचिव पी के दास के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया.

सिंघल ने कहा कि अभी तक हिंसा और आगजनी में शामिल होने के लिए करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है और कानून के मुताबिक उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने जिलावार कार्रवाई शुरू की जिसे हमने लागू किया और इस कारण हम सकारात्मक परिणाम देख रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने ‘‘रात्रि कार्रवाई’ की शुरुआत की जिसके कारण ‘‘सकारात्मक परिणाम’ दिखने लगे.

यह पूछने पर कि क्या प्रदर्शनकारियों ने कैथल और अंबाला के बीच कई जगहों पर जाम लगा दिया और पंचकूला जिले में शिमला राजमार्ग को बंद कर दिया तो उन्होंने कहा, ‘‘हम इनकी पुष्टि कर रहे हैं. हम इस सिलसिले में उपयुक्त कार्रवाई शुरू कर रहे हैं.’ यह पूछने पर कि क्या वर्तमान जाट आंदोलन कानून…व्यवस्था की समस्या है या राजनीतिक समस्या है तो डीजीपी ने कहा, ‘‘यह भावनात्मक मुद्दा है, आरक्षण भावनात्मक मुद्दा है इसलिए कई लोग इसमें शामिल हैं. एक विशेष समुदाय की आकांक्षा है कि उन्हें आरक्षण मिलना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि अब यह मुद्दा चल रहा है, इसलिए कानून…व्यवस्था की समस्या भी पैदा हुई है और हम शांति कायम करने को प्रतिबद्ध हैं.’ यह पूछने पर कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को छूट क्यों नहीं दी गई तो उन्होंने कहा, ‘‘सेना को नागरिक प्रशासन की सहायता में तैनात किया गया है.

कानून में सेना को खुली छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है. उन्हें मजिस्ट्रेट से आदेश लेना होता है.’ यह पूछने पर कि पुलिस प्रदर्शनकारियों के प्रति नरम रुख क्यों अख्तियार कर रही है तो गृह सचिव दास ने कहा, ‘‘यह मुद्दा भावनात्मक है लेकिन हमें शांति बनाए रखनी है. निश्चित रुप से यह दुख की बात है कि इस तरह की स्थिति हमारे राज्य में हुई. पहली प्राथमिकता मुद्दे से राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर निपटना है और फिर पुलिस कार्रवाई करती है.’

दास ने स्वीकार किया कि ‘‘यह संभव है कि किसी विशेष मामले में पुलिस ने कार्रवाई करने में विलंब किया होगा.’ बहरहाल उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले सेना को खुली छूट नहीं दी जाती, न ही सेना खुली छूट मांगती है. नागरिक प्रशासन स्थिति का आकलन करता है और उसी मुताबिक सेना की भूमिका तय करता है.’ इन खबरों के बारे में कि सिविल और पुलिस प्रशासन के कुछ अधिकारी प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे हैं तो दास ने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि इस तरह की आशंका हमारे समक्ष आई.

जिलों में कडा संदेश दिया गया है कि अगर किसी अधिकारी ने या निचले स्तर के अधिकारी ने आज्ञा का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ कडी कार्रवाई की जाएगी. यह संदेश काफी स्पष्ट रुप से दिया गया है.’ दास ने कहा, ‘‘कल पुलिस बल पूरी संख्या में सड़कों पर थी और जो भी आदेश दिए गए उनका पालन हुआ.’ यह पूछने पर कि क्या हरियाणा जातीय हिंसा की तरफ जा रहा है तो दास ने कहा, ‘‘आज इस बारे में कुछ भी कहना संभव नहीं है.

बहरहाल छिटपुट घटनाएं हुई हैं. मुझे उम्मीद है कि जब हम वर्तमान स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण पा लेंगे तो हर कोई इस पर सोचेगा और जानेगा कि ये अच्छी चीजें (हिंसा में शामिल होना) नहीं हैं.’ आंदोलन के दौरान कुछ महिलाओं और बच्चों के फंस जाने और बिना भोजन पानी के रहने के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘‘हमें इस बारे में जानकारी मिली है और हम इन लोगों को निकालने का प्रयास कर रहे हैं. कार्ययोजना तैयार कर ली गई है.’

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