नयी दिल्ली : दिल्ली के पुलिस कमिश्नरबीएसबस्सी कोकेंद्रीयसूचनाआयुक्त बनायेजाने की संभावना क्षीण हो गयी है. पहले मीडिया में यह खबर आयी थी कि इस महीने के अंत में रिटायर होनेके बाद उन्हें केंद्रीय सूचना आयुक्त बनाया जायेगा, लेकिन अब सूत्रों ने खबर दी है कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से जुड़े विवाद व कन्हैया कुमार मामलेको डील करने के उनके तरीके के कारण उन्हें यह पद नहीं दिया जायेगा.बीएस बस्सी ने मीडिया में आयी इस आशय की खबरों पर पहली टिप्पणी करते हुए कहा कि परेशान नहीं हूं.
पूर्व की खबर में कहा गया था कि केंद्रीय सूचना आयुक्त नियुक्त करने वालीसमिति के लिए तैयारकियेगये नामों के पैनलमें बीएस बस्सीकानाम शामिल था. पर, अब इस अहम पद के लिए उनका नाम पैनल से हटा दिया गया है.
बीएस बस्सी के जवाहर लाल नेहरू विवाद मामले में बयानों की मीडिया, राजनीतिक दलों ने व्यापक आलोचना की थी. उनके नेतृत्व वाली दिल्ली पुलिस की कड़ी चौकसी के बाद कन्हैया कुमार पर पटियाला हाउस कोर्ट परिसर में बुधवार को हमला हुआ था व एक से अधिक बार कोर्ट परिसर में अलग अलग धड़ों में मारपीट भी हुई थी.
कैसे चयन होता है केंद्रीय सूचना आयुक्त का?
केंद्रीय सूचना आयुक्त का चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली तीन सदस्य वाली कमेटी करती है. इस समिति के सदस्य लोकसभा में विपक्ष के नेता व प्रधानमंत्री द्वारा नामित कैबिनेट मंत्री होते हैं. केंद्रीय सूचना आयुक्त पद के लिए दावेदारों के मानक अलग से निर्धारित हैं.