नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ़्तारी का मामला लगातार राजनीतिक रुप लेता जा रहा है. इसी बीच खबर है कि बीती रात सीपीआइ (एम) के दफ्तर में एक अज्ञात फोन आया जिसमें महासचिव सीताराम येचुरी को अंजाम भुगतने की धमकी दी गयी.दिल्ली पुलिस ने इस संबंध में आज एक शिकायत दर्ज कर ली है.
गौरतलब है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा इस मामले को आतंकी हाफिज सईद से जोड़े जाने के बाद माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि विपक्ष के नेताओं के साथ मुलाकात में मंत्री ने लश्कर संस्थापक हाफिज सईद का कोई जिक्र नहीं किया. येचुरी ने इस संबंध में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने जेएनयू प्रदर्शन में आतंकवादियों के ‘समर्थन’ का गंभीर आरोप लगाया है. हमें उम्मीद है कि उनके पास ठोस सबूत होंगे.
CPI(M) Office in Delhi received calls late last night threatening General Secy Sitaram Yechury
— ANI (@ANI) February 15, 2016
इधर, जेएनयू छात्र संघ ने इसके ख़िलाफ़ आज हड़ताल का ऐलान किया है जिसका यहां पठन-पाठन पर व्यापक असर पड़ा है. यहां सभी क्लास बंद हैं. छात्र संघ ने कहा है कि जब तक कन्हैया कुमार को रिहा नहीं किया जाता है, विश्वविद्यालय में किसी तरह का कोई कामकाज हम नहीं होने देंगे. शिक्षकों की ओर से भी छात्र संघ की इस हड़ताल का समर्थन किया गया है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष अजय पटनायक ने कहा कि हम छात्रों की हड़ताल का समर्थन करते हैं. हम हड़ताल के दौरान कक्षाएं नहीं लेंगे.
उधर , दिल्ली पुलिस ने मामले को स्पेशल सेल को सौंपने की सिफारिश की है. इस बीच छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तीन दिन की पुलिस रिमांड की मियाद आज खत्म हो रही है. आज उन्हें दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा.
आपको बता दें कि देशद्रोह के आरोप में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन कर जेएनयू के छात्रों एवं शिक्षकों के समर्थन में देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक भी आ गये. पुणे स्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्रों ने भी प्रदर्शनकारियों से एकजुटता प्रदर्शित की और सरकार पर ऐसे लोगों को सताने और धमकाने का आरोप लगाया जो उसकी विचारधारा का विरोध करने की हिमाकत करते हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के फेडरेशन की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय सहित 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के शिक्षक संघों ने जेएनयू के छात्रों एवं शिक्षकों की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है.
नारायण ने कहा, ‘‘कार्यक्रम गलत था लेकिन देशद्रोही नहीं था. छात्रों का विरोध भारत के संविधान के खिलाफ नहीं बल्कि मौजूदा सरकार के खिलाफ है. राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर छात्रों के खिलाफ ऐसी पुलिसिया कार्रवाई जायज नहीं ठहराई जा सकती.’ इस बीच, जेएनयू के शिक्षकों ने पूरी मजबूती के साथ अपने छात्रों के साथ आते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के उस फैसले पर सवाल उठाए जिसके तहत पुलिस को परिसर में घुसकर दमनात्मक कार्रवाई करने की इजाजत दी गई. शिक्षकों ने लोगों से अपील की कि वे इस संस्थान को ‘‘देश विरोधी’ के तौर पर न ‘‘प्रचारित’ करें.
शिक्षकों ने कहा कि छात्रों ने यदि कुछ गलत किया भी है तो यह ‘‘अनुशासनहीनता’ का मुद्दा है, ‘‘देशद्रोह’ का नहीं. जेएनयू के छात्रों ने रविवार को संस्थान परिसर में मानव श्रृंखला बनाई और नारेबाजी कर मांग की कि जिन छात्रों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप लगाए गए हैं, वह आरोप हटाए जाएं. छात्रों के साथ विश्वविद्यालय कर्मियों के परिवार के सदस्यों ने भी इस मानव श्रृंखला में हिस्सा लिया. एक शिक्षक ने आरोप लगाया, ‘‘कन्हैया न तो कार्यक्रम का आयोजक था और न ही कार्यक्रम से जुडा हुआ था. वह उस वक्त हस्तक्षेप करना गया था जब एबीवीपी के सदस्यों और कार्यक्रम के आयोजकों के बीच झडप होने को थी. उसे फंसाया गया है.’