देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने योगगुरु बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के खिलाफ स्टांप शुल्क चोरी के 11 और मामले दर्ज किये हैं. इन ताजा मामलों के बाद पिछले एक महीने के दौरान रामदेव के विभिन्न ट्रस्टों के खिलाफ भूमि कानून उल्लंघन के कुल दर्ज मामलों की संख्या 96 हो गयी है.
हरिद्वार की जिलाधिकारी निधि पांडे ने बताया कि ताजा दर्ज किये गये स्टांप शुल्क चोरी के सभी 11 मामले आठ या उससे ज्यादा साल पुराने हैं. उन्होंने बताया कि रामदेव के विभिन्न ट्रस्टों के खिलाफ दर्ज किये गये ज्यादातर मामले भारतीय स्टांप अधिनियम के तहत दर्ज किये गये है जबकि दो दर्जन से ज्यादा मामले जमींदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियिम के अन्तर्गत दर्ज किये गये हैं. जब पिछले महीने रामदेव के ट्रस्टों के खिलाफ भूमि कानून के उल्लंघन के 81 मामले दर्ज किये गये थे, तब मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा था कि पतंजलि ट्रस्ट की कई संपत्तियों का बेनामी लेनदेन हुआ है और उनके मालिकों के बारे में कोई पता नहीं चल रहा है.
मुख्यमंत्री बहुगुणा ने बताया था कि रामदेव के ट्रस्ट ने हरिद्वार के औरंगाबाद और शिवदासपुर गांवों में 387.5 एकड़ जमीन पतंजलि विश्वविद्यालय बनाने के लिये खरीदी लेकिन उपयोग केवल 20 एकड़ भूमि का ही किया गया. इसी तरह, विभिन्न मामलों में खरीदी गयी भूमि का उपयोग बताये गये प्रयोजनों से इतर किया गया या उसे भविष्य की संभावित परियोजनाओं के लिये भूमि बैंक की तरह रखा गया.