नयी दिल्ली : दिल्ली पुलिस ने यहां अदालत के समक्ष दावा किया है कि कारोबारी पोंटी चड्ढा और उनके भाई हरदीप की हत्या के मामले में गिरफ्तार उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के निष्कासित प्रमुख एस एस नामधारी और 21 अन्य आरोपी हत्या के षड़यंत्र में शामिल थे.
नामधारी और अन्य आरोपियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विमल कुमार यादव के समक्ष जांच एजेंसी के आरोपों को खारिज करते हुये दावा किया है कि वे निर्दोष है और उन्हें मामले में फंसाया गया है.
इस मामले में अभियोग निर्धारित करने के लिये दिल्ली पुलिस और 22 आरोपियों की दलीलें समाप्त होने के बाद अदालत ने उनके वकीलों को कल तक लिखित कथन देने का निर्देश दिया.
इससे पहले नामधारी के वकील आर एस मलिक ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई कानूनी सबूत नहीं है और आरोपी का उन गोलियों से कोई लेना देना नहीं हैं जो घटनास्थल से या मृत भाइयों के शव से बरामद हुई थीं.
मलिक ने अदालत को यह भी बताया कि किसी भी सह आरोपी ने अपने बयानों में नामधारी का नाम नहीं लिया या अपराध में उनकी संलिप्तता का जिक्र नहीं किया.
पोंटी और हरदीप की पिछले वर्ष 17 नवंबर को छतरपुर फार्महाउस में गोलीबारी में मौत हो गयी थी. दोनों भाइयों के बीच संपत्ति को लेकर कथित रुप से विवाद था.
अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि दोनों भाई एक दूसरे से बात नहीं करते थे क्योंकि दोनों के संबंध अच्छे नहीं थे और संपत्ति विवाद चल रहा था.