नयी दिल्ली : डीडीसीए मामले पर दिल्ली सरकार द्वारा बनायी गयी गोपाल सुब्रमण्यम आयोग को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अवैध बताया है. इस आशय का पत्र आज राजभवन से दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव काे लिखा गया है. दिल्ली के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में गृहमंत्रालय के हवाले से उपराज्यपाल के सचिवालय ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा बनाया गया जांच आयोग अवैध व असंवैधानिक है.
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र व राजभवन के इस वक्तव्य पर टि्वटर पर लिखा है कि डीडीसीए पर जांच आयोग कानून सम्मत है और केंद्र के के नजरिये से राज्य सरकार बंधी नहीं है. उन्होंने लिखा है कि जांच आयोग अपना काम करता रहेगा और उपराज्यपाल, गृह मंत्रालय या प्रधानमंत्री कार्यालय को आपत्ति है, तो वे कोर्ट जायें, सिर्फ अदालत के आदेश से ही आयोग का काम रुक सकता है.
केंद्र के इस निर्णय से दोनों सरकारों के बीच जारी विवाद के और गहराने की आशंका बढ़ गयी है. दिल्ली के उपराज्यपाल के कार्यालय की तरफ से कल जारी किये गये एक पत्र में कहा गया है ‘‘भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की तरफ से जारी अधिसूचना असंवैधानिक और गैर-कानूनी है इसलिए कानूनीरूप से इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.’
Governor Secretariat writes to Delhi Govt, says Committee set up on #DDCA issue is unconstitutional and illegal pic.twitter.com/Yax1g3L23A
— ANI (@ANI) January 8, 2016
इसके लिए उपराज्यपाल के सचिवालयकेपत्र में संवैधानिक प्रावधानों का हवाला दियागयाहै.पत्र में दिल्ली सरकार के सिटी गवर्नमेंट होने का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं होने के कारण वह आयोग का गठन नहीं कर सकती.दिल्ली में ऐसे आयोग का गठन दिल्ली सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार की सहमति से ही होसकताहै. उल्लेखनीय है कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने गोपाल सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में दिल्ली में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस मुद्दे पर डीडीसीए के अध्यक्ष रह चुके केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमलावर हैं और कह चुके हैं कि कुछ भी हो आयोग अपना काम करता रहेगा. उल्लेखनीय है कि पूर्व में केंद्र सरकार केजरीवाल सरकार द्वारा सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए बनाये गये आयोग को भी रद्द कर कर चुकी है.
डीडीसीए पर केंद्र व दिल्ली सरकार में टकराव
दिल्ली सचिवालय पर एक माह पहले छापेमारी के बाद अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव चरम पर पहुंच गया था और इसी दरम्यान दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ डीडीसीए मामलों की जांच के दिल्ली सरकार के निर्णय को नामंजूर किया गया है.
छापेमारी के बाद दोनों सरकारों के बीच तकरार शुरू हो गयी थी. केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि छापेमारी का उद्देश्य ऐसे दस्तावेजों को जब्त करना था जिसमें डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार का ब्यौरा दर्ज था. उन्होंने कहा कि ये दस्तावेज कथित तौर पर उस दौरान के थे जब वित्त मंत्री अरुण जेटली डीडीसीए के प्रमुख थे. केजरीवाल ने इसके बाद पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में एक जांच आयोग गठित करने का निर्णय लिया, तब सुब्रमण्यम ने कहा था कि दिल्ली सरकार को इस तरह के जांच आयोग के गठन का अधिकार हैै.
केंद्र सरकार ने बुधवार को एक पत्र लिखकर कहा ‘‘दिल्ली की चुनी हुई सरकार जांच आयोग कानून, 1952 के तहत ना ही केंद्र सरकार है और ना ही राज्य सरकार, इसलिए दिल्ली सरकार को इस अधिनियम के तहत जांच आयोग गठित करना का कोई अधिकार नहीं है.’ उपराज्यपाल को भेजे गये पत्र में कहा गया है ‘‘मंत्री परिषद (दिल्ली सरकार) को इस आशय की जानकारी दी जाये और सभी संबंधित लोगों को केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के इस निर्णय के अनुरूप कार्रवाई करने की सलाह दी जाये.’ आप सरकार ने 22 दिसंबर को डीडीसीए में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए एक जांच आयोग गठित करने की अधिसूचना जारी की थी.