मुंबई : निर्वासित गैंगस्टर छोटा राजन को 2011 में हुए पत्रकार जेडे की हत्या के मामले में आज यहां तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मकोका की विशेष अदालत के सामने पेश किया गया. विशेष न्यायाधीश एएल पनसारे ने गत 22 दिसंबर को 54 साल के गैंगस्टर के खिलाफ पेशी का वारंट जारी करते हुए उसे सात जनवरी को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा था.
न्यायाधीश ने जब राजन से उसका नाम बताने के लिए कहा तो उसने कहा, मेरा नाम राजेंद्र सदाशिव निकलजे है. न्यायाधीश पनसारे ने इसके बाद राजन को जेडे हत्याकांड के बारे में विस्तार से बताया और बाद में उसे हिरासत में लेने का आदेश दिया. राजन और न्यायाधीश के बीच पूरी बातचीत मराठी में हुई. विशेष सरकारी अभियोजक दिलीप शाह ने कहा, अदालत ने उससे कहा कि 19 जनवरी को अगली सुनवाई होगी जब उसके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे. राजन ने अदालत से यह भी कहा कि उसके पास मुंबई में कोई वकील नहीं है और वह वकील की तलाश कर रहा है.
इससे पहले दिन में सीबीआइ ने दिल्ली की अदालत के आदेश की एक प्रति पेश की जिसमें तिहाड़ जेल के अधिकारियों को राजन को वीडियो लिंक के माध्यम से यहां पेश करने का निर्देश दिया गया था. सीबीआइ के एक अधिकारी ने कहा, राजन ने दिल्ली की एक अदालत में आवेदन देते हुए कहा था कि उसे मुंबई नहीं भेजा जाए क्योंकि वहां उसकी जान को खतरा है. सीबीआइ ने अदालत से मामले में आगे की जांच करने की भी मंजूरी मांगी जिस पर अदालत ने हामी भर दी.
लेकिन न्यायाधीश पनसारे ने सीबीआइ के वकील से कहा कि चूंकि बंबई उच्च न्यायालय ने मामला आगे किया है, उच्च न्यायालय का रुख कर उचित संशोधित आदेश हासिल करने की सलाह नहीं दी जा सकती. उन्होंने राजन को आरोपपत्र की प्रति न देने के लिए मुंबई पुलिस को फटकार भी लगायी. न्यायाधीश ने कहा, ऐसा अब तक क्यों नहीं हुआ? आप किस चीज का इंतजार कर रहे हैं? आप हर चीज के लिए आदेश का इंतजार क्यों करते हैं? बाद में उन्होंने पुलिस को राजन को आरोपपत्र की एक प्रति देने का आदेश दिया.
राजन को पिछले साल 25 अक्तूबर को इंडोनेशिया के बाली हवाईअड्डे पर गिरफ्तार किया गया था और बाद में भारत निर्वासित कर दिया गया. उसपर महाराष्ट्र में करीब 70 मामले चल रहे हैं जिनमें जेडे की हत्या का मामला शामिल है. महाराष्ट्र सरकार ने उसके खिलाफ चल रहे सभी मामले सीबीआइ को सौंप दिये हैं.