नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) के बोर्ड द्वारा अपने चेयरमैन विपुल चौधरी के खिलाफ पारित अविश्वास प्रस्ताव मामले में हस्तक्षेप नहीं किया.
चौधरी ने उच्चतम न्यायालय में गुजरात उच्च न्यायालय की खंडपीठ के 4 दिसंबर के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें बोर्ड के सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने की अनुमति दी गई थी.
न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति की पीठ को बताया गया कि जीसीएमएमएफ के बोर्ड के सदस्यों ने बहुमत से कल चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया. उसके बाद पीठ ने चौधरी द्वारा दायर अपील का निपटान कर दिया.
पीठ ने कहा कि इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन की स्थिति में उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश की पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है. जीसीएमएमफ के निदेशक मंडल की कल हुई बैठक में कामकाज का प्रबंधन ठीक तरीके से नहीं करने के लिए चौधरी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया था.