अयोध्या: बाबरी मस्जिद विध्वंस की 21वीं बरसी आज यहां कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच गुजर गयी. सूत्रों ने बताया कि इस पवित्र शहर के सभी नाकों पर भारी सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे और वाहनों की सघन तलाशी ली जा रही थी.
बाबरी मजिस्द एक्शन कमेटी की अयोध्या इकाई ने काला दिवस मनाया तो वहीं विश्व हिंदू परिषद ने इस दिन को विजय दिवस और बहादुरी दिवस के रुप में मनाया. हालांकि स्थानीय लोगों ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई और वे इस पर कोई ध्यान दिए बिना अपने रोजाना के कामकाज में लगे रहे. अयोध्या के एक स्थानीय बाशिंदे अब्दुल खलीफ ने कहा, ‘‘ शहर के लोग आज के दिन मीडिया वालों द्वारा साल दर साल वही सवाल किए जाने और प्रशासन द्वारा किए जाने वाले सुरक्षा इंतजामात से तंग आ चुके हैं. ‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘ निचली अदालत ने इतना समय लिया, कोई नहीं कह सकता कि अंतिम फैसले में उच्चतम न्यायालय कितना समय लेगा.’‘ उन्होंने साथ ही कहा, ‘‘ इस मामले में राजनीति के घुसने के बाद से देश के कुछ हिस्सों में दोनों समुदायों के बीच संबंध कुछ खटासपूर्ण हो सकते हैं लेकिन अयोध्या में रिश्ते अच्छे और सौहार्दपूर्ण हैं.’‘
अयोध्या में एक स्थानीय पुजारी महंत रघुवर शरन ने कहा, ‘‘मैंने बहुत कुछ देख लिया और अब मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता. दलों के बीच राजनीतिक लड़ाई जारी है. दोनों पक्षों के इन नेताओं ने अपनी नाक घुसा कर एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जहां हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग एक दूसरे से खौफ खाते हैं.’‘ 1992 में मस्जिद को ढहाए जाने के बाद हुए संघर्षो में दो हजार से अधिक लोग मारे गए थे.