नयी दिल्ली: एक विश्वविद्यालय के आमंत्रण पर 13 दिसंबर को भारत आ रहे अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ विस्तृत वार्ता करेंगे.
अगले वर्ष के अंत तक पश्चिमी देशों की सेना के अफगानिस्तान से पूरी तरह हटने के बाद रिक्ति को भरने के लिए मजबूत सैन्य समर्थन की अफगान नेता की मांग का विरोध नहीं करने के संबंध में भारत की ओर से दिए गए संकेतों के बाद हो रहे इस दौरे में दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत होगी.
करजई ने प्रधानमंत्री के साथ हुई पिछली बैठक में कहा था कि पश्चिमी देशों की सेना के जाने के बाद उत्पन्न होने वाले शून्य को भरने के लिए मजबूत सैन्य और असैन्य समर्थन की आवश्यकता पडेगी. सरकार राष्ट्रपति की इस मांग पर विचार कर रही है.
यहां के अधिकारियों के अनुसार, इस मांग पर दो प्रमुख मुद्दों सहित अन्य बातों के आधार पर विचार किया जा रहा है.. पहली बात है.. अपनी अधिकता में से आपूर्ति करने की क्षमता और दूसरे देशों से आवश्यक लाइसेंस. उदाहरण के लिए भारत को एक रुसी टैंक की आपूर्ति करनी है, इसके लिए रुस से लाइसेंस की जरुरत पड़ेगी.