नई दिल्ली : तहलका संपादक तरुण तेजपाल द्वारा एक महिला पत्रकार का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने का मामला सामने आने के एक हफ्ते बाद आज पत्रिका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी ने अपना इस्तीफा दे दिया.
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शोमा ने आज सुबह ऐसे समय इस्तीफा दिया जब तेजपाल को आज अपराह्न 3 बजे तक गोवा पुलिस के समक्ष पेश होना है और कयास लगाए जा रहे हैं कि कथित अपराध सामने आने के बाद शोमा की कुछ कार्रवाइयों और आचरण के चलते उनका नाम प्राथमिकी में दर्ज किया जा सकता है.
शोमा चौधरी ने अपने इस्तीफे में कहा है, ‘‘पिछले एक हफ्ते से मुझ पर लीपापोती :मामले में: करने के प्रयास और महिलावादी रुख नहीं अपनाने का आरोप लग रहा है. मैं स्वीकार करती हूं कि मैं कई चीजों को अलग ढंग से कर सकती थी और अधिक नपे तुले ढंग से, लेकिन मैं लीपापोती के आरोपों को खारिज करती हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अपने महिलावादी रुख को लेकर मेरा मानना है कि मैंने हर चीज पर अपनी सहकर्मी की बात को प्राथमिकता देकर उसी के अनुरुप काम किया.’’ शोमा ने इस्तीफे में लिखा है, ‘‘हालांकि, इसके बावजूद पिछले कुछ दिनों में हुई चीजों के परिणामस्वरुप, मेरी ईमानदारी पर हमारी बिरादरी के लोगों द्वारा बार..बार सवाल उठाए जाते रहे हैं और असल में, बड़े पैमाने पर जनता द्वारा भी. मैं इसका संज्ञान लेना चाहूंगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कई साल तक तहलका के लिए कड़ा परिश्रम किया है. मैं तहलका की छवि को कलंकित होने से बचाने के लिए अपनी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठने देना चाहती.’’ शोमा ने लिखा है, ‘‘इसलिए, मैं तत्काल प्रभाव से प्रबंध निदेशक पद से इस्तीफा देती हूं.’’ तहलका में शेयर धारक और तेजपाल द्वारा शुरु की गई कंपनियों से जुड़ी शोमा पर मामला सामने आने के बाद आरोप लगा कि उन्होंने इस इस पर परदा डालने का काम किया और मामले में उचित कार्रवाई नहीं की.
शोमा ने शुरु में इसे अंदरुनी मामला बताया था और मामला सं™ोय प्रकृति का होने के बावजूद पुलिस को खबर करने के बजाय उनकी दिलचस्पी तेजपाल द्वारा पीड़िता से माफी मांगे जाने में थी. बाद में उन्होंने तेजपाल की मित्र उर्वशी बुटालिया के नेतृत्व में आंतरिक शिकायत समिति गठित करने का प्रयास किया.
समिति नहीं बन पाई और उर्वशी ने भी इसका हिस्सा बनने से इनकार कर दिया. इस बीच, पत्रिका के कई संपादकों ने शोमा पर पीड़िता के साथ न्याय नहीं करने और केवल तेजपाल को बचाने में दिलचस्पी लेने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया.
दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी अग्रिम जमानत याचिका पर तत्काल कोई राहत पाने में विफल रहे तेजपाल को कल गोवा पुलिस ने सम्मन जारी किया था और मामले में जांच के लिए अपने समक्ष पेश होने को कहा था.
उप महानिरीक्षक ओपी मिश्र ने इस बारे में अपनी रणनीति पर चर्चा करने से इनकार कर दिया कि यदि तेजपाल जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं होते हैं तो क्या कदम उठाया जाएगा.
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि तेजपाल जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं होते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है या उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का कोई फैसला आने तक पूछताछ को टाल सकती है.
पुलिस का कदम उस दिन आया जब पीड़िता यहां पहुंची और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक स्थानीय अदालत में अपना बयान दर्ज कराया.पीड़िता तहलका में ही पत्रकार थी जिसका तेजपाल ने इस महीने के शुरु में गोवा में एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में कथित यौन उत्पीड़न किया था.मिश्र ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़िता का बयान दर्ज किया जा रहा है. प्रक्रिया अब भी चल रही है.
मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने कल तेजपाल के इन आरोपों को खारिज किया था कि राज्य की भाजपा सरकार उनके संगठन द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन तथा अन्य मुद्दों के चलते उनके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई कर रही है.
तेजपाल के संगठन द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के चलते बंगारु लक्ष्मण को भाजपा के अध्यक्ष पद से हटना पड़ा था.
उन्होंने कहा, ‘‘यह तहलका से जुड़े हम सबके लिए बहुत खराब समय रहा है. 18 नवंबर को सदमा पहुंचाने वाले आरोप के मेरे संज्ञान में आने के समय से मैंने इस शिकायत पर कई कार्रवाइयां की हैं.’’इस हफ्ते के शुरु में शोमा से गोवा पुलिस ने पूछताछ की थी.