नयी दिल्ली: तहलका की प्रबंधन संपादक शोमा चौधरी ने आज महिला पत्रकार के इन आरोपों को खारिज कर दिया कि वह तरुण तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले को दबाने की कोशिश कर रही हैं.
शोमा ने कहा कि मामले को दबाने के या पीड़ित एवं उसके परिवार को धमकाने का कोई प्रयास नहीं किया गया. महिला पत्रकार के इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शोमा ने उसे लिखे पत्र में कहा है ‘‘मेरी प्रतिक्रियाएं भले ही सही औपचारिक प्रक्रिया को जाहिर न कर पाएं लेकिन मेरे इरादों पर संदेह नहीं किया जा सकता. आपने तहलका के एडीटर इन चीफ तरुण तेजपाल से लिखित में माफी तथा इस माफी पत्र की एक प्रति कार्यालय में भेजने और तहलका में एक यौन उत्पीड़न निरोधक प्रकोष्ठ स्थापित करने की मांग की थी.’‘
पत्र में लिखा है ‘‘आपकी शिकायत के एक दिन के अंदर आपको लिखित माफीनामा मिला गया. अगले दिन तरुण पद से हट गए. इसके बाद यौन उत्पीड़न निरोधक प्रकोष्ठ की स्थापना की प्रक्रिया शुरु हुई. मैंने आपसे नामों पर सुझाव मांगे. आपने अब तक नाम नहीं दिए.’‘उन्होंने माना कि कार्यालय में कोई आधिकारिक शिकायत निवारण व्यवस्था नहीं है. उनहोंने कहा कि उन्होंने एक महिला और एक सहयोगी होने के नाते पीड़ित के लिए तत्काल सक्रियता दिखाई. शोमा ने आगे लिखा है कि शिकायत पर कार्रवाई के लिए उन्हें केवल दो दिन ही मिले और खबर प्रेस तक पहुंच गई.