राजगढ़ : जिले की एक अदालत ने सितंबर 2007 में स्थानीय चुनावों के दौरान हिंसक संघर्ष में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में 17 लोगों को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 15,500-15,500 रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है. इसके साथ ही बलवा करने और हमला करने के मामले में दूसरे पक्ष के 14 लोगों को दस वर्ष की कैद और प्रत्येक को नौ-नौ रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है.
अतिरिक्त लोक अभियोजक दिनेश साहू ने आज बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश समरोज खान ने स्थानीय चुनावों में दो पक्षों में हुए हिंसक संघर्ष में रामप्रसाद डांगी नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या करने के जुर्म में 17 लोगों को कल आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
उन्होंने बताया कि चार सितम्बर 2007 को स्थानीय चुनावों के दौरान खजूरिया गाँव के मंदिर चौक पर दो पक्षों में हिंसक संघर्ष हुआ था. विवाद में बंदूक से दागीगयी गोली से रामप्रसाद दांगी की मौत हो गयीथी. हत्या के मामले में 37 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से चार की मृत्यु हो गयी और 33 आरोपियों में से 17 आरोपियों को सजा सुनाई गयी. दूसरे पक्ष के 40 आरोपियों में से एक की मौत होगयी तथा 14 आरोपियों को 10 वर्ष की सजा सुनाईगयी है.
साहू ने बताया कि हत्या के जुर्म में बंशीलाल दांगी, लक्ष्मीनारायण ,रमेश ,श्यामलाल, बद्रीलाल, रामप्रसाद, मोहनलाल, दयाराम, गोपाल, प्रेमनारायण, रामबाबू, जगदीश, मनोहरलाल, रामचंद्र, मांगीलाल तथा एक अन्य मांगीलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी. जबकि दूसरे पक्ष के 14 लोगों लक्ष्मीनारायण, रमेश, महेश प्रसाद, चम्पालाल, रमेश भागीरथ, सुरेश, देवचंद्र, बद्रीलाल, गोपाल, देवीलाल, द्वारका प्रसाद, ओमप्रकाश और शिवनारायण को 10 वर्ष के कारावास की सजा से दंडित किया गया है.
उन्होंने बताया कि अदालत ने आरोपियों को भादंवि की धारा 302, धारा 307, धारा 147, धारा 148 और धारा 149 के तहत सजा सुनाई है.