देहरादून : रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के खिलाफ पंजीकृत भूमि नियमों के उल्लंघनों के कुल 81 मामले दर्ज किए जाने पर उत्तराखंड की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने आरोप लगाया कि यह केंद्र के आदेश पर राज्य सरकार की ओर से उठाया गया षड़यंत्रकारी कदम करार दिया है.
उत्तराखंड विधानसभा के विपक्ष के नेता अजय भट्ट ने कल एक बयान में आरोप लगाया, यह भ्रष्टाचार के मामलों और विदेशी बैंकों में रखे गए कालेधन के मसले को मुखरता से उठाने वाले रामदेव को परेशान करने के लिए केंद्र द्वारा रचे गए षडयंत्र का हिस्सा है.राज्य और केंद्र सरकार दोनों पर ही बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा बिना किसी मान्य कारण के संतों और राष्ट्रवादियों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने रामदेव के ट्रस्ट द्वारा भूमि नियमों के उल्लंघन किए जाने के संदर्भ में 81 मामले दर्ज कराने में जो तीव्रता दिखाई, वह खुद ही दर्शाती है कि उनके इस कदम के पीछे राजनैतिक उद्देश्य हैं.
भट्ट ने आरोप लगाया, नोटिस जारी किया जाना एक कानूनी प्रक्रिया है. ऐसे मामलों में प्रतिवादी को जवाब देने के लिए कुछ समय दिया जाता है. उसके बाद ही अदालतें मामले पर कोई फैसला देती हैं. लेकिन इस मामले में मुख्यमंत्री ने रामदेव तक नोटिस के पहुंचने का भी इंतजार नहीं किया और खुलासे करने के लिए प्रेस के पास चले गए. यह दर्शाता है कि वे केंद्र के इशारे पर योगगुरु को परेशान करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस जैसी पार्टी के रुख को पचा पाना मुश्किल है क्योंकि पार्टी के पहले परिवार के सदस्य खुद भूमि-सौदों के कई गैरकानूनी मामलों में संलिप्त हैं.
एक ऐसे समय में जब हरियाणा के डीएलएफ के साथ भूमि सौदे का मामला कांग्रेस के गले में एक बोझ की तरह पड़ा हुआ है, ऐसे समय में सामाजिक कल्याण के लिए एक संस्थान चलाने वाले रामदेव जैसे आदमी के खिलाफ पार्टी के रख को समझना मुश्किल है.