सिंगापुर : प्रवासी भारतीय समुदाय से बुनियादी ढांचा क्षेत्र व पूंजी बाजार में निवेश का आग्रह करते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज भरोसा दिलाया कि भारत निवेश के लिए एक सुरक्षित गंतव्य है जिसमें 8 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है.
दूसरे दक्षिण एशिया प्रवासी सम्मेलन 2013 को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा, वृहद और सूक्ष्म आर्थिक बुनियाद से भारत निवेश के लिए एक आकर्षक व सुरक्षित गंतव्य है. चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने और निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये हैं.
उन्होंने कहा, भारत निवेशकों को कई तरह के निवेश के अवसर उपलब्ध कराता है. सरकारी प्रतिभूतियां व बांड हैं. म्यूचुअल फंड व बुनियादी ढांचा कोष है. हम अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में इक्विटी की पेशकश कर सकते हैं. सम्मेलन में 1,000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए. वित्त मंत्री ने कहा, तेल एवं गैस क्षेत्र में कई परियोजनाएं हैं जहां रणनीतिक निवेशकों का स्वागत है. जल्द हम सार्वजनिक क्षेत्र का ईटीएफ पेश करने जा रहे हैं जिसमें आपको को इक्विटी शेयरों पर आधारित यूनिटें की खरीदने की अनुमति होगी.
वृद्धि के बारे में चिदंबरम ने कहा कि भारत में 8 फीसदी की वृद्धि दर हासिल करने की क्षमता है. 1991-2011 के 20 साल में औसत वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऊंची वृद्धि दर को कायम रखने के लिए निवेश जरुरी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3 प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य रखा है. साथ ही चालू खाते के घाटे का सुरक्षित तरीके से वित्तपोषण किया जायेगा तथा महंगाई की दर को 5 प्रतिशत के अंदर रखा जायेगा.
चिदंबरम ने रुपये की स्थिरता का भी भरोसा दिलाया और कहा कि रुपये के उतार चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गये कदमों से अब यह सही स्तर पर दिखाई दे रहा है.
हमें लगता है कि रुपये की विनिमय दर आज पहले से बेहतर है और हमें विश्वास है कि उतार-चढ़ाव और सट्टेबाजी काफी हद तक नियंत्रित कर ली गयी है. चिदंबरम ने कहा कि रिजर्व बैंक ने कई कदम उठाये है, जिनमें से कुछ रुपये के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने के लिए आपातकालिक कदम हैं.
चिदंबरम ने कहा कि दो दिन पूर्व अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) के रुपया-बांड निर्गम का बाजार में जिस प्रकार स्वागत हुआ उसमें भारतीय बाजार और भारतीय रुपये के प्रति निवेशकों का भरोसा झलकता है.निवेश अवसरों के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि जहां भारतीय शेयर बाजार ने 2003-13 के दौरान सालाना 15.8 प्रतिशत का रिटर्न दिया है,
वहीं सरकारी प्रतिभूतियों ने पिछले तीन साल में क्रमश: 7.92 प्रतिशत, 8.52 प्रतिशत व 8.36 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. उन्होंने कहा, दुनिया में कुछ ही बाजार ऐसे होंगे जिन्होंने इसके बराबर रिटर्न दिया होगा. वित्त मंत्री ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 प्रतिशत पर सीमित रखा जाएगा. वहीं चालू खाते का घाटा 60 अरब डालर रहेगा.
भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रवासी समुदाय की भूमिका के विषय में वित्त मंत्री ने कहा, 2003 से भारत विदेश से प्रेषित धन प्राप्त करने के मामले में पहले नंबर पर है. 1991 में ऐसी रकम दो अरब डालर थी जो बढ़कर 70 अरब डालर सालाना हो गयी है.