नयी दिल्ली: मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भूमि अधिग्रहण कानून में ‘‘कमियां’’ होने का आज दावा किया और कहा कि अगर राजनीतिक दल भूमि के मुद्दे पर संघर्ष को समाप्त करना चाहते हैं तो उन्हें ‘‘ संघर्षरत लोगों’’ की आवाज को सुनना चाहिए.
पाटकर ने विभिन्न समूहों की दो दिवसीय बैठक के अंत में कहा, ‘‘ संप्रग सरकार ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक लाभ के लिए कई विधेयक पारित किए हैं. इनमें नया भूमि कानून भी शामिल है लेकिन इसमें कई कमियां हैं. ’’ बैठक में भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया.
नेशनल एलायंस आफ पीपुल्स मूवमेंट(एनएपीएम)नए भूमि कानून में बदलाव की मांग कर रहा है. नया भूमि अधिग्रहण कानून अगले साल पहली जनवरी से लागू होगा.