21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भूमि अधिग्रहण कानून में ‘‘कमियां’’ हैं : मेधा पाटकर

नयी दिल्ली: मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भूमि अधिग्रहण कानून में ‘‘कमियां’’ होने का आज दावा किया और कहा कि अगर राजनीतिक दल भूमि के मुद्दे पर संघर्ष को समाप्त करना चाहते हैं तो उन्हें ‘‘ संघर्षरत लोगों’’ की आवाज को सुनना चाहिए. पाटकर ने विभिन्न समूहों की दो दिवसीय बैठक के अंत में […]

नयी दिल्ली: मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने भूमि अधिग्रहण कानून में ‘‘कमियां’’ होने का आज दावा किया और कहा कि अगर राजनीतिक दल भूमि के मुद्दे पर संघर्ष को समाप्त करना चाहते हैं तो उन्हें ‘‘ संघर्षरत लोगों’’ की आवाज को सुनना चाहिए.

पाटकर ने विभिन्न समूहों की दो दिवसीय बैठक के अंत में कहा, ‘‘ संप्रग सरकार ने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक लाभ के लिए कई विधेयक पारित किए हैं. इनमें नया भूमि कानून भी शामिल है लेकिन इसमें कई कमियां हैं. ’’ बैठक में भूमि अधिग्रहण से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया.पाटकर ने कहा कि हम आज एक नए बिंदु पर हैं और नए कानून को लेकर मिश्रित भावना है. एक ओर अच्छी बात यह है कि ब्रिटिश काल के एक पुराने कानून को विभिन्न शहरी एवं ग्रामीण आंदोलनों के कारण नए कानून से बदला जा रहा है. दूसरी ओर काफी कुछ करने की जरुरत है.

नेशनल एलायंस आफ पीपुल्स मूवमेंट(एनएपीएम)नए भूमि कानून में बदलाव की मांग कर रहा है. नया भूमि अधिग्रहण कानून अगले साल पहली जनवरी से लागू होगा.उन्होंने कहा, ‘‘ अगर राजनीतिक दल भूमि और अन्य प्राकृतिक संसाधनों को लेकर संघर्ष को समाप्त करने के प्रति गंभीर हैं तो उन्हें संघर्ष कर रहे लोगों की आवाज को सुनना चाहिए.’’जन संघर्ष वाहिनी के भूपिन्दर सिंह रावत ने दलितों, आदिवासियों, भूमिहीन श्रमिकों और किसानों के लिए न्याय की मांग की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें