नयी दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई)ने अमजद अली राणा और जीशान जौहर की पहचान बनाने में मदद करने के लिए पाकिस्तान को एक न्यायिक अनुरोध भेजा है जो नौ साल पहले अहमदाबाद में एक मुठभेड़ में 19 वर्षीय इशरत जहां के साथ मारे गए थे.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी ने कश्मीर में भी विस्तृत तलाशी की लेकिन उसे उनकी पहचान के बारे में कोई ठोस सबूत नहीं मिला। आरोप है कि राणा और जौहर पाकिस्तानी आतंकवादी थे और वे घुसपैठ कर भारत में आ गए थे.सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि पाकिस्तान को अनुरोध पत्र भेजा गया है ताकि राणा एवं जौहर के बारे में वहां उपलब्ध कोई भी सूचना जुटायी जा सके.ये दोनों वर्ष 2004 में कथित फर्जी मुठभेड़ में इशरत और जावेद पिल्लै के साथ मारे गए थे.राणा और जौहर की पहचान के बारे में कोई भी सुराग ढूंढने के सिलसिले में सीबीआई ने जुलाई में जम्मू कश्मीर के उर्दू के अखबारों में इश्तहार भी दिया था। सीबीआई ने उनके बारे में सूचना देने वाले के लिए नकद इनाम की भी घोषणा की थी.
गुजरात पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में दावा किया था कि जौहर और राणा वास्तव में पाकिस्तानी नागरिक थे जो राज्य के अतिविशिष्टि व्यक्तियों का सफाया करने के लिए भारत आए थे.मामले की जांच कर रही सीबीआई ने इशरत और जावेद के बारे में विस्तृत सूचना जुटा ली और उसने 3 जुलाई को दायर आरोपपत्र में उनके रिश्तेदारों एवं उनके जानकारों के बयान शामिल किए.लेकिन सीबीआई जौहर और राणा की पहचान के बारे में किसी भी निष्कर्ष पर पहुंच नहीं पायी है. उसने अपने आरोपपत्र में इन दोनों के अतीत और गुजरात में उनकी मौजूदगी की मंशा भी नहीं बतायी है.सीबीआई जब मुठभेड़ की साजिश की असलियत का पता कर लेगी तब वह संभवत: पूरक आरोपपत्र दायर कर सकती है.