नयी दिल्ली: टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में मुख्य जांच अधिकारी ने दिल्ली की एक अदालत में गवाही दी और मामले में अपने तथा सीबीआई टीम द्वारा की गयी जांच का ब्यौरा पेश किया.सीबीआई के पुलिस अधीक्षक विवेक प्रियदर्शी मामले में मुख्य जांच अधिकारी हैं. वह अभियोजन पक्ष के गवाह के रुप में पेश हुए और सीबीआई के विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी को जांच के दौरान विभिन्न छापों और उनके तथा उनकी टीम द्वारा जब्त दस्तावेजों के बारे में जानकारी दी.
उन्होंने कहा, . जांच के दौरान 21 अक्तूबर 2009 को इस आदेश से मुङो एक तलाशी वारंट मिला. इस तलाशी वारंट के आधार पर मैंने एक्सेस सर्विस सेल, दूरसंचार विभाग, भारत सरकार, संचार भवन के कार्यालय परिसरों में 22 नवंबर 2009 को तलाशी ली. पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और 16 अन्य से जुड़े इस मामले में प्रियदर्शी अभियोजन पक्ष के अंतिम गवाह हैं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में तलाशी ली गयी.
उनका बयान पूरा नहीं हुआ है और 11 नवंबर को वह अपनी बात जारी रखेंगे.इस बीच एक अन्य जांच अधिकारी और सीबीआई के उपाधीक्षक एस के सिन्हा ने अपनी गवाही में कहा कि यह कहना गलत होगा कि एजेंसी को द्रमुक सांसद कनिमोई के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला. उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि उन लोगों ने यह जानते हुए भी कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है, एक ईमानदार महिला को मामले में गलत तरीके से फंसाया गया.