नयी दिल्ली: भारत और चीन के बीच सहयोग के लिए असीमित संभावनाओं की कल्पना करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बातचीत के सात ‘व्यवहारिक सिद्धांतों ‘ को आज रेखांकित किया. इसमें सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के साथ परस्पर सम्मान और संवेदनशीलता शामिल है.
चीन से आए युवकों के एक समूह से अपने आवास पर बात करते हुए मनमोहन ने कहा कि दोनों देश एक ही नियति साझा करते हैं और रणनीतिक परामर्श एवं सहयोग हमारे क्षेत्र में और इससे बाहर शांति, स्थिरता और सुरक्षा बढ़ाएगा. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से कहा, .मेरा मानना है कि हमारे दोनों देश न सिर्फ एक नियति साझा करते हैं बल्कि हमारे बीच करीबी सहयोग के लिए असीम संभावनाएं है.प्रधानमंत्री ने कहा, .इसलिए मुझे बातचीत के सात व्यवहारिक सिद्धांत रेखांकित करने दीजिए जिसके बारे में मेरा मानना है कि यह भारत और चीन को इस राह ले जाएगा. सिंह ने कहा कि ये सातों सिद्धांत मिलकर आने वाले सालों में भारत-चीन संबंधों में एक सुंदर तस्वीर पेश करेंगे.
उन्होंने इन सिद्धांतों को गिनाते हुए कहा कि हमें पंचशील के सिद्धांतों पर अटल रहने की प्रतिबद्धता को दोहराना चाहिए और अपने संबंध को पारस्परिक भावना, एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता तथा संप्रभुता, पारस्परिक एवं समान सुरक्षा पर संचालित करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत-चीन सीमावर्ती इलाकों पर शांति एवं स्थिरता कायम रखना द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला है.