नयी दिल्ली: रेलवे रिश्वत कांड की जांच तीन महीने के अंदर पूरी हो जाने की उम्मीद है. यह बात आज सीबीआई निदेशक रणजीत सिन्हा ने कही. रिश्वत कांड में रेल मंत्री पवन कुमार बंसल को इस्तीफा देना पड़ा था. मामले में नरम रुख अपनाने का कोई दबाव पड़ने की बात से इंकार करते हुए सिन्हा ने कहा कि घोटाले का पर्दाफाश उनके अधिकारियों के पेशेवर तरीके से जांच करने के कारण हुआ.
सिन्हा ने कहा, ‘‘कोई दबाव नहीं था. बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के हमारे अधिकारियों ने पेशेवर तरीके से काम किया. इसलिए मामले में कड़ा या नरम रुख अपनाने का मामला ही नहीं था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार को ध्यान में रखते हुए हर काम किया गया. यह बड़ी रकम के एक हाथ से दूसरे हाथ में जाने का मामला था.’’ सीबीआई निदेशक ने इस सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया कि क्या एजेंसी पूछताछ के लिए बंसल को सम्मन करने वाली थी. उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि मामले की जांच चल रही है.’’
बहरहाल उन्होंने कहा कि एजेंसी ‘‘90 दिनों के अंदर जांच और सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र’’ पूरे करने का प्रयास कर रही है. इससे गिरफ्तार आरोपियों को जमानत नहीं मिल सकेगी. कानून के मुताबिक आरोपियों की गिरफ्तारी से तीन महीने के अंदर अगर जांच एजेंसी आरोपपत्र दायर करती है तो स्वत: जमानत नहीं मिल सकेगी.