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बसपा भी चाहती है ओपिनियन पोल पर लगे रोक

नयी दिल्ली : मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी ने भी चुनाव से पूर्व ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ आते हुए कहा कि ये ओपिनियन पोल सही तस्वीर नहीं दिखा सकते और इनमें ‘‘जोड़ तोड़ की गुंजाइश’’ बनी रहती है.ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर निर्वाचन […]

नयी दिल्ली : मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी ने भी चुनाव से पूर्व ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ आते हुए कहा कि ये ओपिनियन पोल सही तस्वीर नहीं दिखा सकते और इनमें ‘‘जोड़ तोड़ की गुंजाइश’’ बनी रहती है.ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर निर्वाचन आयोग के पत्र पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने लिखा, ‘‘ वे जनता की राय की सही तस्वीर नहीं दिखा सकते.’’

बसपा ने कहा कि सर्वेक्षण बेहद सीमित और चुनिंदा मतदाताओं से संपर्क कर और उनके विचार जानकर किए जाते हैं और उन सीमित लोगों के विचारों को बड़ी संख्या में मतदाताओं के विचार नहीं माना जा सकता.पार्टी ने कहा कि ऐसी कोई वैज्ञानिक पद्धति या उचित तरीका नहीं है जिससे उस माहौल में मतदाताओं के सामान्य विचारों को जाना जा सके जहां लोग गुप्त मतपत्र के जरिए ही अपने विचार प्रकट करना पसंद करते हैं. पार्टी ने कहा, ‘‘ चुनाव से पूर्व मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए एजेंसियों द्वारा इस प्रकार के भ्रामक ओपिनियन सर्वे किए जाते हैं जिन्हें इसके लिए धन का भुगतान किया जाता है.

बसपा की ओर से मिश्र ने लिखा है , ‘‘ इसलिए, चुनाव के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए ऐसे ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए.’’ गौरतलब है कि 13 जून को अटार्नी जनरल जी ई वहानवती ने चुनाव कार्यक्रम और मतदान के अंतिम चरण की घोषणा के बीच ओपिनियन पोल के प्रकाशन और प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने के आयोग के प्रस्ताव का समर्थन किया था.

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