श्रीनगर : प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर से 140 कंपनियों को देश की 50 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति देने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने आज कहा कि मनमोहन सिंह का कोयला घोटाले में सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए उपलब्ध होने को तैयार होना अर्थहीन है क्योंकि एजेंसी प्रधानमंत्री कार्यालय के दायरे में आती है.
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, जांच प्रधानमंत्री के दरवाजे तक पहुंच चुका है. अब वे कह रहे हैं कि वह सीबीआई के समक्ष पेश होने को तैयार हैं. सीबीआई प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत आती है. इसका प्रशासनिक नियंत्रण प्रधानमंत्री कार्यालय के पास है. उनके संयुक्त सचिव ने सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट को बदल दिया था.
उन्होंने कहा, इसलिए यह कहना कि वह सीबीआई के समक्ष पेश होने को तैयार हैं, यह अर्थहीन है. शायद वह सोच रहे हैं कि उन्हें एजेंसी से उसी तरह से क्लिनचीट मिल जायेगी जैसे बंसल, मायावती और मुलायत सिंह को मिली थी. जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने टू जी मामले में संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष पेश होने की पेशकश की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री ने कल चीन यात्रा से लौटते समय विशेष विमान में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा था कि कोयला ब्लॉक के आवंटन की जांच के मामले में वह सीबीआई या किसी का भी सामना करने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा था, मैं देश के कानून से ऊपर नहीं हूं. अगर कुछ है जिसके बारे में सीबीआई या उस मामले में कोई भी मुझसे पूछना चाहता है तो मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है. भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने श्रीनगर में कहा कि कोयला ब्लाक आवंटन की जांच प्रधानमंत्री के दरवाजे तक पहुंच गयी है. और अब वह कह रहे हैं कि वह सीबीआई के समक्ष जांच के पेश होने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा, लेकिन सीबीआई प्रधानमंत्री के अधीन है. यह प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है. उनके संयुक्त सचिव ने सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट को बदला. ऐसे में उनका यह कहना कि वह सीबीआई के समक्ष पेश होने को तैयार हैं, एकदम बेमानी है. जिस तरह इस एजेंसी से पवन कुमार बंसल, मायावती और मुलायम सिंह को क्लीन चिट मिली, सिंह को भी मिल जायेगी. भाजपा के अन्य प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, सीबीआई प्रधानमंत्री के मातहत काम करती है और यह स्वतंत्र इकाई नहीं है.
उन्होंने कहा, अगर आप दागी नहीं हैं, अगर आप महसूस करते हैं कि आप सवालों के जवाब दे सकते हैं, तब तत्कालीन कोयला मंत्री के रूप में जवाब दीजिए और प्रधानमंत्री की कुर्सी से हट जाइए. सिन्हा ने कहा, चूंकि सीबीआई प्रधानमंत्री के तहत आती है इसलिए उनसे सवाल करने पर उसमें स्वाभाविक रूप से भय होगा. ऐसे में सीबीआई के समक्ष पेश होने से पहले प्रधानमंत्री को अपने पद से इस्तीफ देना चाहिए.
प्रधानमंत्री पर उन्होंने आरोप लगाया, वह हर बात छिपाते हैं . सच्चाई पर पर्दा डालते हैं. यह सर्वविदित है कि उनकी सरकार के दौरान किसी बात की कोई स्वतंत्र जांच नहीं हो सकती है.
जावडेकर ने कहा, प्रधानमंत्री के हस्ताक्षर के साथ 140 कंपनियों को 50 लाख करोड़ रुपयों की संपत्ति मुफ्त में दी गयी. दूसरी ओर आपने देखा होगा कि कांग्रेस शासन में मुफ्त में एक राशन कार्ड तक नहीं पाया जा सकता है. ऐसे में क्या इतनी बड़ी संपत्ति मुफ्त में दी गयी होगी? मुख्य विपक्षी दल के अन्य नेता राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि प्रधानमंत्री की इस पेशकश का कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि एक अन्य घोटाले में भी उन्होंने जेपीसी के सामने पेश होने की बात कही थी, लेकिन वास्तव में ऐसा किया नहीं.