मुंबई: शिवसेना के साथ सार्वजनिक स्तर पर परस्पर विरोधी बयानबाजी होने के बाद भाजपा ने आज अपने विधायकों एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक में अपने भगवा सहयोगी के साथ संबधों के बारे में कोई विचार विमर्श नहीं किया तथा इस दौरान केवल फडणवीस सरकार की पिछले एक साल की उपलब्धियों पर ही चर्चा की गयी.
भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने कल कहा था कि महाराष्ट्र में सत्तारुढ गठबंधन में शामिल शिवसेना के साथ बिगडते रिश्तों पर चर्चा हो सकती है. एक वरिष्ठ नेता ने तो यहां तक कहा था कि शिवसेना के साथ संबंध तोडने की संभावना पर भी चर्चा हो सकती है. शिवसेना ने मंगलवार को कहा था कि यदि वह उसके ‘‘राष्ट्रवाद” एवं ‘‘देशभक्ति” के प्रकार से उब गयी तो वह उसका साथ छोड सकती है. बहरहाल आज बैठक में ऐसा कुछ नहीं हुआ तथा भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी ने कहा, ‘‘यह बैठक राज्य सरकार की विभिन्न उपलब्धियों और उन्हें जनता के समक्ष कैसे रखा जाए, इस पर विचार विमर्श के लिए हुई थी.
बैठक में शिवसेना का कभी उल्लेख नहीं किया गया .” उन्होंने कहा, ‘‘पिछले साल हमने 19 अक्तूबर को चुनाव जीत और 31 को शपथ ली थी. लिहाजा हमने 19 से 31 अक्तूबर तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया जहां हम लोगों से बातचीत करेंगे और उन्हें बतायेंगे कि सरकार ने क्या किया.” इन दोनों भगवा पार्टियों के बीच संबंध में खिंचाव तब से बढ गया जब शिवसैनिकों ने भाजपा के पूर्व राणनीतिकार तथा सोमवार को पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की पुस्तक विमोचन के आयोजक सुधीन्द्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोती थी.
