अहमदाबाद (वॉशिंगटन) : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने संप्रग की विदेश नीति की आज जम कर आलोचना की और कहा कि ‘कमजोर’ नेता देश पर शासन कर रहे हैं.
अप्रवासी भारतीयों को अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि गुजरात में अपने अब तक के 12 साल के शासन में उन्होंने विकास की नई परिभाषा दी है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती जनता का विश्वास बहाल करने की है.
भ्रष्टाचार के मुद्दों को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री ने सरकार की आलोचना भी की.गुजरात दिवस आयोजन के अवसर पर मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अमेरिका के 20 शहरों में रह रहे अप्रवासी भारतीय समुदाय को करीब एक घंटे तक संबोधित किया. इसके बाद प्रश्नोत्तर का एक सत्र भी हुआ. उन्होंने कहा ‘मैं जानता हूं कि अगर देश के शासक कमजोर हों तो कितना नुकसान होता है. आपको पिछले एक माह के दौरान हुए घटनाक्रम पर नजर डालनी चाहिए.
मोदी ने कहा, मैं यह देख कर स्तब्ध रह गया कि चीन ने अपनी सेनाओं को वापस अपने भूभाग में बुला लिया लेकिन मैं यह नहीं समझ पाया कि भारतीय सेना ने अपने बलों को भारतीय भूमि से क्यों पीछे किया. पूर्वी लद्दाख में पिछले माह चीनी बलों के प्रवेश की पृष्ठभूमि में मोदी ने कहा मेरा दिल्ली सरकार से सीधा सवाल है कि चीन हमारी जमीन में घुस कर वापस चला जाता है, यह एक बात है. लेकिन हम क्यों अपनी ही जमीन से पीछे हटते हैं. इससे आम आदमी के मन में सवाल उठते हैं.
उन्होंने आगे कहा क्या आप हमारे सैनिकों का सर काटे जाने की कल्पना कर सकते हैं. और कुछ दिनों बाद उस देश के प्रधानमंत्री को यहां चिकन बिरायानी पेश की जाती है. इससे सवाल उठते हैं. हमारी जमीन पर चीनी बलों के कदमों की आवाज से जुड़े सवाल….
गौरतलब है कि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के सम्मान में मार्च में जयपुर में दोपहर के भोज का आयोजन किया था.
भाजपा नेता ने दावा किया कि गुजरात में उनका माडल विकास की नई उंचाइयां छू रहा है और देश की सबसे बड़ी चुनौती विश्वास का अभाव है जिसे बहाल करना है. उन्होंने कहा लोग मुझसे पूछते हैं कि हमारे देश के सामने अभी सबसे बड़ी चुनौती क्या है. मैं दृढ़तापूर्वक मानता हूं कि सबसे बड़ी चुनौती विश्वास का अभाव है. कोई भी किसी पर विश्वास नहीं करता. देश का हर उस संस्थान पर से भरोसा खत्म हो गया है जिस पर हम भरोसा करते आए हैं.
मोदी ने कहा हमें यह विश्वास बहाल करना है. हमें प्रणाली, प्रक्रिया, इरादों, नीतियों और मूल्यों पर से खोया विश्वास वापस लाना होगा. यह देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. हमें हमारे देश पर भरोसा करने की जरुरत है. हमें नेताओं पर, पार्टियों पर, नीतियों पर भरोसा करने की जरुरत है.