श्रीनगर (नयी दिल्ली) : पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने की घटनाओं में कोई नहीं आते देख जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज महसूस किया कि अगर ऐसा जारी रहा तो भारत को इसका करारा जवाब देना चाहिए.
बीएसएफ ने अपने जवानों से इस तरह की घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब देने को कहा है, जबकि सेना ने कहा कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
पाकिस्तानी सैनिकों के एकबार फिर मोर्टार से गोले दागने और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 10 सीमावर्ती चौकियों को निशाना बनाकर भारी गोलीबारी किए जाने के बीच सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह को अचानक रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाया. आज की घटना में दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं.
पाकिस्तान द्वारा हालिया संघर्ष विराम का उल्लंघन किए जाने की घटना के साथ ही 2013 में इस तरह की तकरीबन 150 घटनाएं हो चुकी हैं. रक्षा प्रवक्ता के अनुसार विगत 8 वर्षों में यह सबसे अधिक है.
उमर ने कठोर शब्दों में कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह एकतरफा मामला नहीं हो सकता. ऐसी स्थिति नहीं हो सकती जहां हम निशाने पर रहें और कोई जवाब नहीं दिया जाए.’’ उन्होंने कहा कि अगर नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान संघर्ष विराम का उल्लंघन जारी रखता है तो केंद्र को अन्य विकल्पों को तलाशना चाहिए.
उमर ने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के बीच न्यूयार्क में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने भारत की चिंताओं को बहुत स्पष्ट तरीके से सामने रखा.
उन्होंने कहा, ‘‘एक ऐसी व्यवस्था पर विचार किया गया था जिसके तहत दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाए रखने पर चर्चा करेंगे. ऐसा अब तक नहीं हुआ है. मेरा मानना है कि यह एक ऐसा विकल्प है जिस पर काम किए जाने की जरुरत है और ऐसा नहीं होने पर भारत सरकार को उसी तरह जवाब देने पर विचार करना होगा.’’
राज्य के पुलिसकर्मियों को संबोधित करते हुए उमर ने कहा, ‘‘अगर वे (पाकिस्तान) संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हैं तो हम सिर्फ शब्दों से जवाब नहीं देंगे. हमें कुछ अन्य विकल्पों को तलाशना होगा. अगर सीमा पर मौजूद हमारे लोगों को निशाना बनाया जा रहा है तो हम भी उसी तरह जवाब देना जानते हैं लेकिन अब तक हम ऐसा नहीं करना चाहते हैं.’’
पाकिस्तान के साथ लगी सीमा पर तैनात अपने जवानों को निर्देश दिया है कि वे दुश्मन का आसान निशाना नहीं बनें और मुंहतोड़ जवाब दें. सभी कमांडरों को निर्देश दिये गए हैं और उनके जरिए इस निर्देश को एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सभी जवानों तक पहुंचाया गया है.
नयी दिल्ली में रक्षा मामलों की संसद की स्थायी समिति को बताया गया कि भारतीय सेना संघर्ष विराम के उल्लंघनों का मुंहतोड़ जवाब दे रही है और वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह तैयार है. सूत्रों ने दिल्ली में बताया कि सेना के अधिकारियों ने बैठक में कहा कि भारतीय बल सभी संघर्ष विराम उल्लंघनों का उचित जवाब दे रहे हैं.