नयी दिल्ली: भूमि विधेयक के मुद्दे पर सरकार को दरकिनार करने के लिए विपक्ष के साथ हाथ मिला लेने के कयासों को आज शिवसेना ने खारिज कर दिया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उसने किसानों के व्यापक हित को देखते हुए संशोधनों का सुझाव दिया है.
कल राकांपा प्रमुख शरद पवार के घर पर विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में शिरकत करके आए पार्टी के नेता आनंदराव अदसूल ने आज बताया कि पवार ने उन्हें किसी अनौपचारिक बातचीत के लिए बुलाया था और उन्हें विपक्ष की किसी पारस्परिक बातचीत के बारे में पता नहीं था.
उन्होंने कहा, ‘‘पवारजी एक वरिष्ठ नेता हैं और जब भी वह हमें अनौपचारिक तौर पर मिलने के लिए कहते हैं तो हम सम्मान के नाते ऐसा करते हैं.’’ आनंदराव ने यह भी कहा कि संभवत: यह राकांपा प्रमुख की कुछ शरारत थी.
उन्होंने कहा, ‘‘वह शायद वही करने की कोशश कर रहे हैं, जो उनकी पार्टी ने पिछले साल महाराष्ट्र में भाजपा को एकपक्षीय समर्थन देने की घोषणा करके किया था. तब शिवसेना गठबंधन का हिस्सा नहीं थी और भाजपा के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण थे.’’ उन्होंने कहा कि विधेयक पर शिवसेना का रुख पहले दिन से साफ है.
उसने पहले के भूमि कानून में प्रस्तावित संशोधनों के खिलाफ कई चिंताएं जाहिर की थीं. पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा था. सूत्रों ने कहा कि शिवसेना ने एक संशोधन का प्रस्ताव दिया था, जिसमें किसानों के हित में सहमति के प्रावधान को बनाए रखने के लिए कहा गया था.