नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रियदर्शिनी मट्टू बलात्कार और हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे संतोष कुमार सिंह को एलएलएम की परीक्षा में शामिल होने के लिए 13 दिन का पैरोल प्रदान कर दिया है.
एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ उसकी अपील पर विचार करते हुए अदालत ने उसे मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, साकेत के समक्ष 25 हजार रुपये का निजी मुचलका भरने का आदेश दिया.
सिंह ने एकल न्यायाधीश द्वारा अपना पैरोल आवेदन खारिज किए जाने के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी. मुख्य न्यायाधीश डी. मुरुगेसन और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने सिंह को 16 से 28 मई तक पैरोल प्रदान कर दिया और तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मजिस्ट्रेट द्वारा उसका मुचलका स्वीकार किए जाने के बाद उसे एलएलएम द्वितीय वर्ष की परीक्षा के लिए प्रस्तुत करें.
अपने आवेदन में सिंह ने कहा था कि वह दूरस्थ शिक्षा पद्धति के जरिये अन्नामलाई विश्वविद्यालय से एलएलएम कर रहा है. इसलिए उसे 19 मई से शुरु हो रही उसकी द्वितीय वर्ष की परीक्षा के लिए पैरोल प्रदान किया जाये.
उसने यह भी कहा कि अदालत ने उसे प्रथम वर्ष की परीक्षा के लिए 2012 में भी पैरोल प्रदान किया था. गत 17 अप्रैल को एकल न्यायाधीश ने उसके आवेदन को यह कहकर खारिज कर दिया था कि तिहाड़ जेल उसे जेल के भीतर ही उसकी परीक्षा की सुविधा प्रदान कर सकती है.