नयी दिल्ली : नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार धर्म प्रचारक आसाराम ने उनके खिलाफ मीडिया में चल रहे अभियान पर अंकुश के लिये आज उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की. प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष आसाराम की याचिका का उल्लेख किया गया. न्यायालय ने इस याचिका को सुनवाई के लिये 21 अक्तूबर को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.
वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने आसाराम का प्रेस में मीडिया ट्रायल रोकने का अनुरोध करते हुये कहा कि अन्यथा उनके मामले की निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘‘मुकदमे की सुनवाई से पहले ही मीडिया मुझे सजा दे रहा है और मेरे मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी.’’ उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया कि उनके खिलाफ बलात्कार के आरोपों के मद्देनजर मीडिया को आसाराम, उनके परिवार और आश्रमों के बारे में काल्पनिक खबरें चलाने से रोका जाये. विकास सिंह ने कहा कि यदि मीडिया अदालत की कार्यवाही को सही तरीके से प्रस्तुत करता है तो उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं होगी लेकिन उनके आश्रमों के बारे में काल्पनिक खबरें चलाने से उसे रोक जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आसाराम के आश्रमों में दस हजार लड़के लड़कियां शिक्षा ग्रहण करते हैं और मीडिया की खबरों से उन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. आसाराम को एक नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोपों में अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद से ही वह राजस्थान के जोधपुर की जेल में बंद हैं.