इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच हुई मुलाकात पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है, अधिकतर राजनीतिक दलों ने शरीफ पर कश्मीर मुद्दे को उठाने में असफल रहने का आरोप लगाया लेकिन मीडिया आमतौर पर सकरात्मक रहा.
यद्यपि मीडिया ने इस बात को लेकर निराशा जतायी कि संयुक्त बयान में कश्मीर का उल्लेख नहीं था. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने रुस के उफा में कल दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात का स्वागत किया लेकिन कहा कि शरीफ पाकिस्तान की चिंताओं को स्पष्ट तौर पर और ठीक तरह से रेखांकित करने में असफल रहे.
पीपीपी की वरिष्ठ नेता एवं अमेरिका में पाकिस्तान की पूर्व राजदूत शेरी रहमान ने बैठक को एकपक्षी करार दिया. उन्होंने कहा, हम मोदी का दक्षेस सम्मेलन में स्वागत करते हैं और हम प्रधानमंत्री शरीफ के शांति प्रयासों का भी समर्थन करते हैं लेकिन द्विपक्षीय संबंधों में सफलता तभी मिल सकती है जब दोनों ओर की चिंताओं को सफलतापूर्वक प्रेषित किया जाए. इससे पहले पीपीपी नेता एवं पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक ने कहा कि यह पाकिस्तान का अपमान था क्योंकि मोदी बैठक में अहंकारी थे और बैठक में रुस के जार ह्ण की तरह व्यवहार कर रहे थे.
एक अन्य विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ ने कहा कि मोदी को निमंत्रण अनावश्यक था और यह कूटनीतिक प्रोटोकाल की जरुरतों से परे था.