नयी दिल्ली : यूरोपीय आकाशीय मार्गों पर उड़ाने वाले सभी विमानों पर कार्बन कर लगाने की यूरोपीय संघ की पहल पर व्यापार युद्ध से बचने के लिए अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) वैश्विक स्तर पर कार्बन उत्सजर्न में कमी पर एक समझौते का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में है जो 2016 से प्रभावी होगा.
पिछले साल से भारत और अमेरिका, रुस, चीन, सउदी अरब व ब्राजील जैसे अन्य देश नागर विमानन को उत्सजर्न व्यापार प्रणाली में शामिल करने और यूरोप के उपर से गुजरने वाले सभी विमानों पर कर लगाने की यूरोपीय संघ की एकतरफा पहल का विरोध कर रहे हैं.
इन देशों ने यूरोपीय संघ की इस पहल को कानून विरोधी भी करार दिया है और कहा है कि यह आईसीएओ के प्रावधानों का उल्लंघन करता है. मोंटरियल में आईसीएओ की महासभा में 190 से अधिक देशों के प्रतिनिधि वैश्विक विमानन उद्योग के लिए कार्बन उत्सजर्न घटाने वाले एक कार्बन टूल या कार्बन नियंत्रण तंत्र पर प्रतिबद्धता को लेकर मतभेदों को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं.
संयुक्त राष्ट्र की संस्था द्वारा यदि समझौते को स्वीकार कर लिया जाता है तो वैश्विक संधि के सामने यूरोपीय संघ के उपाय लागू नहीं होंगे. पर इसमें विफलता से यूरोपीय संघ और अन्य क्षेत्रों में इस मुद्दे पर व्यापार युद्ध छिड़ने का खतरा है.