नयी दिल्ली : राष्ट्र ने आज महात्मा गांधी की 144वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रपिता को याद किया और शीर्ष नेताओं ने यहां राजघाट पर उनकी समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की.
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह , कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले प्रमुख नेताओं में थे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी यहां राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि देने सबसे पहले पहुंची और उनके बाद लालकृष्ण आडवाणी तथा उनकी बेटी प्रतिभा पहुंचे. कुछ देर बाद प्रधानमंत्री राजघाट पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित की.
सिंह और सोनिया ने एक दूसरे का हाथ जोड़कर अभिवादन किया. संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ और दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित उनके बीच में बैठे थे.राजघाट जाने वाली अन्य गणमान्य हस्तियों में महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर और माणिक राव गावित आदि थे.इस दौरान राजघाट पर सर्वधर्म प्रार्थना का भी आयोजन किया गया. इस मौके पर बापू के प्रिय भजन भी बजाए गए.
राष्ट्र ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी 109वीं जयंती पर याद किया. राष्ट्रपति , उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी और आडवाणी ने विजय घाट जाकर शास्त्री जी के समाधिस्थल पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की जिन्होंने जय जवान , जय किसान का नारा दिया था. इस मौके पर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री और सुनील शास्त्री भी मौजूद थे.
– दे दी हमें आजादी
* आज ही के दिन दो अक्तूबर1869 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म पोरबंदर (गुजरात) में हुआ था.
* विश्व को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले गांधीजी की स्मृति में आज के दिन को संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2007 से विश्व अहिंसा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी.
* गांधीजी ने भारत में सत्याग्रह का पहला सफल प्रयोग बिहार के चंपारण में किया था.
* शांति के पुजारी की 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में गोली मारकर हत्या कर दी गई.
– जय जवान, जय किसान
* यह नारा देने वाले भारत-रत्न लाल बहादुर शास्त्री का जन्म आज ही के दिन 02 अक्तूबर 1904 को मुगलसराय में हुआ था.
* 1956 में रेल मंत्री रहते हुए एक रेल दुर्घटना की जिम्मेवारी लेते हुए उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया.
* नेहरु के निधन के बाद 9 जून 1964 को प्रधानमंत्री बने.
* 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को झुकने पर मजबूर करने में इनकी बड़ी भूमिका थी.
* पाकिस्तान से बातचीत के लिए वे ताशकंद (रूस) गये थे, वहीं 11 जनवरी 1966 को उनकी मृत्यु हो गई.