नयी दिल्ली: पाकिस्तान के साथ न्यूयार्क में प्रधानमंत्री स्तर की बातचीत को रद्द करने की भाजपा की मांग को खारिज करते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि जम्मू में आतंकी हमला शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने का प्रयास है और आश्चर्य जताया कि क्या भाजपा भी यही चाहती है.कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्वीटर पर कहा, ‘‘शांति और बातचीत का कौन विरोध कर रहा है ? सिर्फ आतंकवादी, भाजपा और अपनी बैठकों में बैठ कर युद्ध की बात करते हैं या मीडिया के कुछ ऐसे तत्व जो शांति नहीं चाहते.’’
पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख अजय माकन ने कहा कि ये हमले कोई आकस्मिक नहीं हैं बल्कि जानबूझ कर और उन लोगों का शांति प्रक्रिया को पटरी से उतारने का क्रूर प्रयास है जो शांति नहीं चाहते.उन्होंने कहा कि आज के आतंकी हमले का समय यह स्पष्ट संकेत देता है कि इसके पीछे जो लोग हैं वह शांति प्रक्रिया नहीं चाहते. क्या भाजपा भी यही चाहती है.
कांग्रेस प्रवक्ता राज बब्बर और पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने भाजपा को राजग के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर बस यात्राकी पहल और कारगिल युद्ध के बाद भारत पाक वार्ता के जारी रहने की भी याद दिलाई.
भाजपा ने कहा शरीफ से बात ना करें प्रधानमंत्री
सरकार पर ‘‘रीढ़ विहीन कूटनीति’’ करने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू क्षेत्र में हुए दोहरे आतंकवादी हमले के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आज मांग की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ न्यूयार्क में आगामी रविवार को होने वाली उनकी प्रस्तावित वार्ता रद्द कर दी जानी चाहिए.
पुलिस और सैन्य बलों पर हुए आतंकवादी हमले की भर्त्सना करते हुए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि इन हमलों को पाकिस्तान से परिचालित होने वाली भारत विरोधी ताकतों ने अंजाम दिया है.
सिंह ने कहा, ‘‘इससे यह भी धारणा बनती है कि वह हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के बजाय चंद पुरातनपंथी राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित हैं. भाजपा का मानना है कि जब तक माहौल वार्ता के लिए उपयुक्त न हो पाकिस्तान के साथ कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के भरोसे के विपरीत पाकिस्तान में जमीनी स्तर पर कोई बदलावा नहीं हुआ है क्योंकि आईएसआई एवं पाकिस्तानी सेना भारत की आतंरिक एवं बाह्य सुरक्षा को अस्थिर करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रही है.