मुंबई : पाकिस्तान में चल रहे 26/11 के आतंकवादी हमले के मामले के सिलसिले में चार भारतीय गवाहों से पूछताछ के लिए यहां आए पड़ोसी देश के आठ सदस्यीय न्यायिक आयोग ने आज मुंबई की एक अदालत से अनुरोध किया कि उसे हमलावरों द्वारा इस्तेमाल में लाई गई डोंगी और अन्य सामानों का निरीक्षण करने दिया जाए.
अदालती कार्यवाही की अध्यक्षता कर रहे अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट पी वाई लाडेकर ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम से कहा कि वह कल डोंगी, इसका यामाहा इंजन, सेल फोन और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आयोग के समक्ष पेश करें.
जब अदालत ने वकील से पूछा कि क्या इन सामानों को पेश करने में सरकार को कोई आपत्ति है, इस पर निकम ने नहीं में जवाब दिया और कहा कि ये सामान आर्थर रोड सेंट्रल जेल में रखे हुए हैं जिन्हें कल पेश कर दिया जाएगा. एक बार अदालत ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि आयोग ने पहले यह क्यों नहीं बताया कि उनकी योजना लश्कर ए तैयबा के 10 आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल में लाए गए सामानों की जांच करना है.
मुंबई आते वक्त आतंकवादियों ने मछली पकड़ने के काम आने वाली कुबेर नाम की एक भारतीय नौका को कब्जे में ले लिया था. मुंबई तट के पास पहुंचने पर आतंकवादियों ने नौका को छोड़ दिया और 26 नवंबर 2008 को तट पर पहुंचने के लिए डोंगी का इस्तेमाल किया. शैलेश मोहिते और गणोश निठूरकर नाम के जिन दो डॉक्टरों ने नौ आतंकवादियों का पोस्ट मॉर्टम किया था, उन्होंने पोस्ट मॉर्टम से जुड़ी जानकारियां दी.