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जितेंद्र सिंह तोमर से भागलपुर विश्वविद्यालय का नाम जुडने से नाराज थे छात्र, जानिए घटना से जुडे दस अहम डेवलपमेंट

भागलपुर/मुंगेर/नयी दिल्ली : खुद की कमीज को सफेद और दूसरे की कमीज को मैली बताने वाली आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के फर्जीवाडे से सिर्फ अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टी ही नहीं शर्मसार हुए, बल्कि बिहार का प्रतिष्ठित तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय व वहां के छात्र […]

भागलपुर/मुंगेर/नयी दिल्ली : खुद की कमीज को सफेद और दूसरे की कमीज को मैली बताने वाली आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के फर्जीवाडे से सिर्फ अरविंद केजरीवाल व उनकी पार्टी ही नहीं शर्मसार हुए, बल्कि बिहार का प्रतिष्ठित तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय व वहां के छात्र भी शर्मसार हुए. ध्यान रहे कि इस विश्वविद्यालय के संबंध राष्ट्रकवि पदम्विभूषण रामधारी सिंह दिनकर से रहे हैं और दिनकर जी का इस विश्वविद्यालय को गढने में और इसकी पहचान को बुलंदियां देने में अहम योगदान रहा है.
आज यही विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर जितेंद्र सिंह तोमर के कथित फर्जीवाडे के कारण चर्चा में आया है, जिसे लोगों के मन में विश्वविद्यालय को लेकर भी गलत धारणा बनने का भय है. शायद यही कारण था कि जब शुक्रवार को दिल्ली पुलिस जितेंद्र सिंह तोमर को लेकर भागलपुर विश्वविद्यालय पहुंची तो छात्रों ने उन पर मोबिल, जूते, चप्पल व उनकी गाडी पर ईंट फेंके गये. छात्र संगठनों ने उन पर अंडे भी फेंके और विरोध में नारे भी लगाये. पुलिस उन्हें बहुत मुश्किल से वहां से बचा कर ले जा सकी. छात्रों क इस व्यवहार को उचित तो करार नहीं दिया जा सकता है, लेकिन शायद वे ऐसा कर देश-दुनिया को बताना चाहते थे कि उनके विश्वविद्यालय में ऐसा ही नहीं होता है और यहां के छात्र ऐसे ही नहीं हैं.
उधर, दिल्ली पुलिस जितेंद्र सिंह तोमर को लेकर दिल्ली पहुंच चुकी है. उन्हें आज साकेत कोर्ट में पेश कर दिल्ली पुलिस रिमांड मांगेगी.
जानिए इस पूरे मामले से जुडे दस अहम डेवलमेंट :
क्या घेरे में आयेगा विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान?
जितेंद्र सिंह तोमर के मामले में कल जब उन्हें दिल्ली पुलिस लेकर मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान पहुंचे तो वहां के प्रशासन ने कहा कि वे यहां से पास हाउट हुए हैं. हालांकि भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमा शंकर दुबे ने अदालत में मामला विचाराधीन होने के कारण कोई कोमेंट नहीं किया. हालांकि यह ध्यान रहे कि पहले विश्वविद्यालय प्रशासन यह कहा चुका है कि जितेंद्र सिंह तोमर के सर्टिफिकेट के ब्योरे उनके विश्वविद्यालय के रिकार्ड से मेल नहीं खाते हैं, तो सवाल उठता है कि क्या विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान सवालों के घेरे में घिरने वाला है?
छात्रों ने किया प्रदर्शन
जितेंद्र सिंह तोमर को लेकर जब दिल्ली पुलिस कल भागलपुर विश्वविद्यालय पहुंची तो पहले से ही छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन करने की तैयारी कर रखी थी. विश्वविद्यालय प्रशासन को इसका अनुमान था. इसलिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे. सुरक्षा के मद्देनजर कुछ गेट को बंद कर दिया गया था. चार बजे पुलिस उन्हें लेकर विश्वविद्यालय पहुंची. बाद में उन्हें शाम साढे छह बजे विवि के पूर्वी गेट से निकालने लगी और जैसे ही छात्रों को इसकी जानकारी हुई, वे वहां भी जुट गये. बाद में उन्हें कोतवाली थाना ले जाया गया और हाजत में रखा गया. दिल्ली पुलिस की टीम देर रात तक सिंडिकेट हॉल में जांच पडताल करती रही. स्थिति ऐसी हो गयी थी कि पुलिस को छात्रों पर लाठी चार्ज भी करना पडा.
मुंगेर में हुई स्वास्थ्य जांच
जितेंद्र सिंह तोमर का मुंगेर के सदर अस्पताल में मेडिकल चेकअप भी कराया गया. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पांच डॉक्टरों की टीम ने उनका मेडिकल परीक्षण किया. जांच में उन्हें पूरी तरह स्वस्थ घोषित किया गया. तोमर के लिए आम आदमी पार्टी के नेता भी मुंगेर में जुटे थे, लेकिन वे इंतजार करते रह गये.
आया बेटी का फोन, मांगी सादी चाय
जितेंद्र सिंह तोमर को जिस समय दिल्ली पुलिस मंुगेर स्थित लॉ कॉलेज लेकर गयी, उस समय उनकी बेटी का फोन उनके मोबाइल पर आया. मोबाइल एक पुलिसकर्मी रखे हुए था. पुलिसकर्मी ने उन्हें बताया कि आपकी बेटी का फोन है, फिर उन्होंने बेटी से बात की. उन्हें कोल्ड ड्रिंक्स पीने का ऑफर किया गया, लेकिन उन्होंने मधुमेह की बात कर कर उसे नहीं पिया. बाद में उन्होंने सादी चाय की मांग कि जो उन्हें उपलब्ध करायी गयी.
विश्वविद्यालय में दिल्ली पुलिस ने खंगाली फाइल
दिल्ली पुलिस ने भागलपुर विश्वविद्यालय में दिन भर फाइलें खंगालीं. पुलिस विश्वविद्यालय से विभिन्न फाइलों की प्रतिलिपि के अलावा कर्मचारियों व पदाधिकारियों से 50 सवालों का जवाब नोट कर ले गये. पुलिस ने 1994 से 2002 तक विश्वविद्यालय में कार्यरत लोगों से बात की.
परीक्षा नियंत्रक के 40 हस्ताक्षर लिये गये
तोमर के परीक्षाफल पत्र पर पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह के हस्ताक्षर देखे गये. इस पर डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह के हस्ताक्षर देखे गये. लेकिन डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह का कहना था कि ये हस्ताक्षर उनके नहीं हैं. पुलिस ने उनके 40 हस्ताक्षर कागज पर कराये. पुलिस ने पूर्व की उन फाइलों की कॉपी भी ली, जिसमें डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने पूर्व में हस्ताक्षर किया था.
3687 अंक ने तोमर प्रकरण को सुलगाया
दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के डिग्री प्रकरण को जिस अंक ने सुलगाया, वह है 3687. दिल्ली हाइकोर्ट द्वारा उनके जो प्रोविजनल सार्टिफिकेट भेजे गये, उस पर सीरियल नंबर 3687 दर्ज है. साथ ही उस पर डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह का हस्ताक्षर रजिस्ट्रार/परीक्षा नियंत्रक के रूप में है. इसका इश्यू डेट 18 मई 2001 है. जब विवि ने इसकी जांच की तो 3687 नंबर से संजय कुमार चौधरी का प्रोविजनल सर्टिफिकेट जारी होने की बात सामने आयी. उस पर डॉ गुलाम मुस्तफा के हस्ताक्षर मिले, जो 29 जुलाई 1999 को जारी किया गया था.
3687 नंबर आरएस कॉलेज, तारापुर के छात्र का
जिस सीरियल नंबर 3687 को खुद का होने का जितेंद्र सिंह तोमर दावा कर रहे हैं, विश्वविद्यालय के अनुसार, वह नंबर आरएस कॉलेज, तारापुर के छात्र संजय कुमार चौधरी का है. जांच टीम ने 2001 में भी विश्वविद्यालय का कंप्यूटरीकरण नहीं होने पर आश्चर्य प्रकट किया. जांच टीम का नेतृत्व दिल्ली के सरोजनीनगर थाना के इंसपेक्टर वीकेपीएस यादव कर रहे थे.
पत्रकारों को वीसी ने किया संबोधित
जब दिल्ली पुलिस विश्वविद्यालय परिसर से जितेंद्र सिंह तोमर को लेकर चली गयी, तब कुलपति प्रो रमाशंकर दुबे ने पत्रकारों से बात की. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जो कुछ मांगा, सब उपलब्ध करा दिया गया. उन्होंने कहा कि विश्वनाथ सिंह विधि संस्थान, मुंगेर जो कुछ भी कहे, उस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट ने जो सर्टिफिकेट भेजा था, उसका सत्यापन कर दिया गया है, वह संयज कुमार चौधरी के नाम पर है और उन्हें इस मामले में कुछ नहीं कहना है.
कोतवाली के हाजत में रखे गये जितेंद्र सिंह तोमर
पुलिस ने जितेंद्र सिंह तोमर को कोतवाली के हाजत में रखा. वहां उनकी रात करवट बदलते गुजरी. कोतवाली थाना पहुंच कर जितेंद्र सिंह तोमर पर विरोध स्वरूप खुद पर फेंकी गयी चीजों की लगी दाग को धोया. इस दौरान छात्रों के उग्र प्रदर्शन का भय भी उनके चेहरे पर दिख रहा था. सुरक्षा कारणों से कोतवाली में अनजाने व्यक्ति का प्रवेश रोक दिया गया था और सुरक्षा के कडे इंतजाम किये गये थे.

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