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गोमांस खाने वालों के लिए सूर्य नमस्कार नहीं : शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती

नयी दिल्ली : योग पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब 21 जून को होने वाले योग को लेकर ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल खड़ा किया है. उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर योग कराना है तो उसमें सूर्य नमस्कार को भी […]

नयी दिल्ली : योग पर विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. अब 21 जून को होने वाले योग को लेकर ज्योतिषपीठ बद्रीकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल खड़ा किया है. उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर योग कराना है तो उसमें सूर्य नमस्कार को भी जोड़ना चाहिए. मुस्लिम संगठनों के विरोध के बाद सूर्य नमस्कार को हटाये जाने पर नाराजगी जताते हुए कहा किआखिर मुसलमानों को वीटो पॉवर क्यों दे दिया जाता है.आखिर क्यों उनके विरोध के बाद सूर्य नमस्कार हटाया गया.

शंकराचार्य ने कहा, जो व्यक्ति गौ मांस खायेगा वो सूर्य के तेज के सामने कहा टिक पायेगा. जिनका भोजन ठीक नहीं वो योग करके कभी स्वस्थ्य नहीं रह सकता. उन्हें पहले अपना खान-पान सुधारना चाहिए. सूर्य नमस्कार का विरोध कैसे किया जा सकता है आखिर मुसलमान भी नमाज पढ़ते हैं, तो उनके सामने दीवार होती है तो क्या होदीवारका नमन कर रहे हैं. योग का राजनीतिकरण हो रहा है. अगर योग में सूर्य नमस्कार को सरकार शामिल नहीं कर सकती तो इसे कराना ही नहीं चाहिए.
योग का लाभ लेने के लिए सुबह उठना होता ब्रह्म मुर्हत में उठकर प्रकृति के नजदीक जाने से लाभ मिलता है. सिगरेट पीने वाले, रातभर जागने वालों को योग करने से बिल्कुल लाभ नहीं होगा. सभी आसन सबके लिए नहीं होते लोगों की शारीरिक संरचना के आधार पर लोगों को योग करना चाहिए. इस पूरे बयान पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लेते हुए कहा नरेंद्र मोदी को अपने फैसलों को लेकर मजबूती से खड़ा रहना चाहिए. किसी के दबाव में आकर फैसला नहीं लेना चाहिए. योग का फायदा नरेंद्र मोदी को होगा क्योंकि वह ब्राह्मचारीहैं और सुबह उठते हैं जिससे उनको फायदा होगा.

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