जालंधर : प्यार में पडकर लोग अपराधी तो बन जाते हैं लेकिन हाल ही में जालंधर से गिरफ्तार किये गये झारखंड के एक माओवादी की स्थिति ठीक इसके उलट है. पुलिस की माने तो यह कुख्यात माओवादी नेता मोहब्बत के गिरफ्त में आ कर मजदूर बन गया था और जालंधर में फर्जी नाम से रहता था. पंजाब पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस की टीम ने झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के सहयोग से कुख्यात नक्सली नेता दीनबंधू पातर को गिरफ्तार किया था.
दीनबंधू के बारे में पुलिस ने प्राथमिक पूछताछ के बाद कहा, ‘मोहब्बत के कारण ही वह नक्सल गतिविधि छोडकर मजदूरी करने लगा था.’ दीनबंधू पातर के साथ हुई प्राथमिक पूछताछ के हवाले से काउंटर इंटेलिजेंस के अधिकारी ने बताया, ‘जिस समय झारखंड पुलिस को दीनबंधू की तलाश थी, उसी वक्त वह एक लडकी के प्यार में पड गया था. इस संबंध के लिए लडकी के घर वाले तैयार नहीं थे. बाद में लडकी ने दीनबंधू के लिए अपना घर छोड दिया और उसके साथ रहने लगी.’
उन्होंने बताया कि यह उस लडकी की मोहब्बत ही थी जिसने उसे नक्सल गतिविधि से पूरी तरह हटने को मजबूर कर दिया था. हालांकि, इससे पहले वह छह हत्याएं कर चुका था और झारखंड पुलिस को वह वांछित था.’ उन्होंने बताया कि प्रतिबंधित संगठन में प्लाटून कमांडर के रूप में कार्यरत दीनबंधू ने अपने संगठन के साथ बगावत की. इंसास राइफल और अन्य हथियार तथा संगठन के दो लाख रुपये नकद लेकर वह जंगल में बने नक्सल शिविर से फरार हो गया.
अधिकारी ने बताया, ‘दीनबंधू ने 2014 दिसंबर में उस लडकी से शादी कर ली और उसे लेकर जालंधर आ गया. जालंधर आने से पहले उसने अपने हथियार झारखंड के ही किसी गांव में छिपा दिया और सूरज मुंडा के नाम का फर्जी परिचय पत्र बनवा कर यहां आया मजदूरी करने लगा.’ उन्होंने बताया, ‘पत्नी के गर्भवती होने पर वह फरवरी में उसे अपने गांव छोडने गया. इसी बीच उसे किसी ने पहचान लिया. उसके आने की सूचना उसके प्लाटून और पुलिस दोनों को हो गयी. वह प्लाटून के हत्थे तो नहीं चढा लेकिन पुलिस उसके पीछे लग गयी.’
पुलिस को उसकी पत्नी के बारे में पता चला वह उस पर नजर रखने लगी. बाद में उसके मोबाइल काल को ट्रेस कर उससे सख्ती से पूछताछ की तो पत्नी ने जालंधर का उसका पता पुलिस को बता दिया. दीनबंधू फर्जी नाम से सिम कार्ड जारी करा कर उसी से पत्नी से बातचीत करता था. इसके बाद रविवार को वह दोनों प्रदेशों की पुलिस के संयुक्त अभियान में पकडा गया.