नई दिल्ली: करीब पांच साल की देरी के बाद विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य 15 नवंबर को रुस में भारतीय नौसेना को सौंपा जा सकता है. रुस में अभी आईएनएस विक्रमादित्य को दुरुस्त करने का काम जारी है.
पहले ‘एडमिरल गोर्शकोव’ के नाम से मशहूर आईएनएस विक्रमादित्य ने पिछले दो महीने से बेरेंट्स सागर और श्वेत सागर में हो रहे ट्रायल के दौर को पूरा कर लिया है. नौसेना अधिकारियों ने आज बताया कि आईएनएस विक्रमादित्य 15 नवंबर को भारतीय नौसेना को सौंपे जाने की संभावना है. एक बार शामिल कर लिए जाने के बाद यह आईएनएस विराट के बाद नौसेना में दूसरा विमानवाहक पोत होगा. इसके शामिल होने से भारतीय नौसेना को हिंद महासागर में सामरिक तौर पर काफी लाभ होगा.
भारत और रुस ने 2004 में 45,000 टन के गोर्शकोव के लिए 94.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर का करार किया था.