जयपुर: केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने आज कहा कि नियमों को अंतिम रुप देने के बाद भूमि अधिग्रहण विधेयक को अगले साल के शुरु में अधिसूचित किया जाएगा और माओवादी समस्या पर काबू पाने में यह कानून अहम भूमिका अदा करेगा. ग्रामीण विकास मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि अगले दो महीनों में मंत्रालय कानून के तहत नियमों को अंतिम रुप देगा और इसे अगले साल शुरु में अधिसूचित किया जाएगा.
उन्होंने इस कानून को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताते हुए कहा कि इसमें उन लोगों के लिए बेहतर मुआवजे का प्रावधान किया गया है जिनकी भूमि ली जाएगी. इसके साथ ही आधारभूत ढांचा संबंधी परियोजनाओं, फैक्टरी या इमारतें स्थापित करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी. उन्होंने कहा कि इसमें प्रभावित लोगों के लिए पुनर्वास का आश्वासन भी दिया गया है.किसानों, दलितों और आदिवासियों को भूमि अधिकार संबंधी कई लाभ मुहैया कराने के साथ ही ऐतिहासिक भूमि अधिग्रहण विधेयक अगले पांच छह साल में झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा में माओवाद के प्रभाव को धीरे धीरे कम कर सकेगा.