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जीएमआर एयरपोर्ट लिमिटेड के हिसाब- किताब पर कैग की आपत्ति

नयी दिल्ली : सरकारी अंकेक्षक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की अस्वीकार्य खर्च राशि को वापस करने को कहा है. कैग ने कहा है कि यह राशि निजी क्षेत्र की इस हवाई अड्डा कंपनी ने अलग एस्क्रो खाते में रखी है. इस […]

नयी दिल्ली : सरकारी अंकेक्षक नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने जीएमआर हैदराबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की अस्वीकार्य खर्च राशि को वापस करने को कहा है. कैग ने कहा है कि यह राशि निजी क्षेत्र की इस हवाई अड्डा कंपनी ने अलग एस्क्रो खाते में रखी है.

इस विषय पर कैग की संसद में कल पेश रपट में कहा गया है, कंपनी द्वारा यात्री सेवा शुल्क (सुरक्षा मद) कोष के लिए 100.40 करोड़ रुपये का अस्वीकार्य खर्च वसूलना अनियमित था और इसे जल्द से जल्द वापस करने की जरूरत है. रपट में कहा गया है कि 2010-11 और 2011-12 में जुटायी गयी राशि प्रशासनिक खर्च, बीमा प्रीमियम, भूमि पंजीकरण शुल्क, भूमि खरीद, सीआईएसएफ क्वार्टर के निर्माण तथा इस निर्माण के लिए उधारी ली गई राशि पर ब्याज भुगतान से जुड़ी है और एस्क्रो खाते में रखी गई है.

नागर विमानन मंत्रालय के मानक परिचालन प्रकिया के तहत इन मदों में खर्च को यात्री सेवा शुल्क (सुरक्षा मद) से संबंधित खातों में शामिल नहीं किया जा सकता.

कैग ने कहा है कि कंपनी द्वारा पीएसएफ (एससी) कोष से अस्वीकार्य खर्च का मामला मंत्रालय के ध्यान में लाया चुका है जिसने जीएचआईएएल को निर्देश दिया है कि वह उल्लिखित सारे अपात्र खर्च को खाते में वापस कर इस बारे में अनुपालन रपट दाखिल करे.

कैग के अनुसार, जीएचआईएएल ने मंत्रालय के निर्देश के बावजूद यह अपात्र खर्च वापस नहीं लिया गया बल्कि 2011-12 के लिए 8.84 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अस्वीकार्य खर्च और बुक कर दिया.

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