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मोगा बस कांड : बादल परिवार की संपत्ति पर फिर शुरू हुई बहस

चंडीगढ :पंजाब के मोगा में चलती बस से एक किशोरवय लडकी व उसकी मां के साथ छेडछाड करने और उसके बाद उनके बस से गिर जाने की खबरें कल रात से अबतक मीडिया की सुर्खियां बनी हुई हैं. इस घटना में सबसे ज्यादा सवाल पंजाब के मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर खडे किये जा रहे […]

चंडीगढ :पंजाब के मोगा में चलती बस से एक किशोरवय लडकी व उसकी मां के साथ छेडछाड करने और उसके बाद उनके बस से गिर जाने की खबरें कल रात से अबतक मीडिया की सुर्खियां बनी हुई हैं. इस घटना में सबसे ज्यादा सवाल पंजाब के मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर खडे किये जा रहे हैं. सुखबीर सिंह बादल के लंबे चौडे कारोबार पर तो पहले भी उंगलियां उठती रही हैं, लेकिन अब वह नये सिरे से विवादों में हैं. जिस बस से लडकी गिरायी गयी है, वह आर्बिट बस सर्विस की है, जो सुखबीर सिंह बादल की हिस्सेदारी वाली कंपनी है. आज लोकसभा में यह मुद्दा उठा और संसद परिसर में मीडिया के सवालों पर केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री व सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बिफर पडीं. हरसिमरत ने दुर्घटना की निंदा करते हुए खुद मामले की जांच कराने की बात कही.
उधर, सुखबीर सिंह बादल के पिता व राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से स्वीकार कर लिया है, लडकी और उसकी मां को छोडछाड के क्रम में बस से फेंका गया है और बदकिस्मती से यह बस हमारी है. बादल ने घटना कि निंदा करते हुए कहा कि इस मामले में हमारी कोई भागीदारी नहीं है.
लोकसभा चुनाव के दौरान सुखबीर सिंह बादल की सफाई
बादल परिवार पंजाब के सबसे रसूखदार परिवारों में एक है. इसका राजनीतिक वर्चस्व होने के साथ ही है काफी बडा कारोबारी साम्राज्य भी है. ट्रांसपोर्ट, होटल, मीडिया, पॉवर और गैर परंपरागत उद्योग में इस परिवार ने निवेश कर रखा है. सुखबीर सिंह बादल अपनी संपत्ति और सरकारी पद पर रहते हुए कारोबारी हितों पर पहले भी सफाई दे चुके हैं. वे पहले ही कह चुके हैं कि उनका सारा व्यापारिक कार्य सतह पर सबके सामने हैं, इसमें कुछ भी छिपा नहीं है. पिछले साल लोकसभा चुनाव के समय अपने पत्नी हरसिमरत कौर के चुनाव नामांकन के समय पंजाब के एक प्रमुख अखबार में प्रकाशित उनके बयान के मुताबिक, उनके हितों का कोई ठकराव नहीं है. अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हमारे खिलाफ तथ्य जुटाने की कोशिश की थी, पर उन्हें कुछ भी मिला नहीं. हमारे होटल, ट्रांसपोर्ट, भूमि व संपत्ति संबंधी कागजात की जांच कई एजेंसियां कर चुकी हैं, लेकिन अबतक उसमें किसी को कुछ नहीं मिला है.
कैसे बढी सुखबीर की संपत्ति
2004 में सुखबीर सिंह बादल की संपत्ति 13.38 करोड रुपये की थी, जब 2012 में जब उन्होंने विधानसभाा चुनाव के लिए नामांकन किया तो उनकी संपत्ति 90.89 करोड रुपये हो गयी. 2009 लोकसभा चुनाव में जब हरसिमरत कौर ने नामांकन किया तो उनके द्वारा दिये गये संपत्ति के ब्यौर के मुताबिक उनके व उनके पति के पास 60.31 करोड रुपये की संपत्ति थी, जो 2104 में उनके नामांकन के दौरान लगभग दोगुणी 108.16 करोड रुपये हो गयी. इसमें सुखबीर सिंह की संपत्ति 96.14 करोड रुपये की और हरसिमरत कौर की संपतित 12.02 करोड रुपये की है. वहीं, प्रकाश सिंह बादल की संपत्ति 2007 में 9.20 करोड की थी, जो 2012 में घट कर 6.75 करोड रुपये हो गयी. 2012 में प्रकाश सिंह बादल के दामाद आदेश प्रताप सिंह कैरों व बेटी परणीत कौर की संयुक्त संपत्ति 51.23 करोड रुपये थी. इस दंपती के कई कारोबार हैं.
सुखबीर के साले व हरसिमरत कौर के भाई विक्रम सिंह मजीठिया जो पंजाब सरकार में मंत्री भी हैं, के परिवार का भी विस्तृत कारोबार है. मजीठिया के पास 2007 में 9.16 करोड की संपत्ति थी, जो 2012 में बढ कर 11.21 करोड रुपये हो गयी.
बादल, कैरों व मजीठिया तीनों परिवारों का विस्तृत कारोबार हैं. होटल इंडस्ड्री, सिविल एविऐशन, मीडिया, उर्जा व कृषि से जुडे कारोबार हैं. बादल परिवार की संपत्ति 2007 के बाद तेजी से बढी. यह वही समय था जब राज्य में इस परिवार की सरकार बनी थी. 1990 के पूर्व तक इस परिवार के पास कोई खास संपत्ति नहीं थी.

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