अहमदाबाद : आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा के पत्र पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस द्वारा आहूत किए गए आज के बंद के दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित 600 लोगों को हिरासत में ले लिया गया.
पुलिस ने बताया कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए समूचे राज्य में कड़ी सुरक्षा की गई है. बंद को सफल बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए. बंद का राज्य में मिलाजुला असर है. पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने यहां बसों और ट्रेनों को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. अधिकारियों ने बताया कि राज्य के अधिकतर हिस्सों में स्कलू-कॉलेज रोजाना की तरह खुले हैं. अहमदाबाद के ओल्ड सिटी में वादज और कुछ पूर्वी हिस्से आज सुबह 80 प्रतिशत बंद रहे.
अधिकारियों के अनुसार कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए समूचे राज्य में 60 हजार से अधिक पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं. पुलिस ने कहा, ‘‘अब तक हमें कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं मिली है.’’ उन्होंने बताया कि राज्य रिजर्व पुलिस बल की 24 और त्वरित कार्रवाई बल की छह बटालियनों को पुलिस की मदद के लिए सतर्क रहने को कहा गया है. अपराध शाखा के कर्मियों को भी हर शहर में संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है.
विभिन्न शहरों और जिला मुख्यालयों से आ रही खबरों के मुताबिक पुलिस ने कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
वडोदरा में सुबह बंद का मिलाजुला असर रहा. शहर के मांडवी, कारोलिया, सामा, करेलीबाग और प्रतापगंज क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद कराने की कोशिश कर रहे कांग्रेस नेताओं और समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया. निलंबित आईपीएस अधिकारी वंजारा द्वारा पत्र में मोदी और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अमित शाह की निन्दा किए जाने पर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर कांग्रेस ने बंद का आह्वान किया है.
अपने विस्फोटक इस्तीफा पत्र में वंजारा ने दावा किया था कि वह और उनके आदमी तो आतंकवाद के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की सरकार की नीति का पालन कर रहे थे. चार मुठभेड़ मामलों में मुख्य आरोपी वंजारा ने यह भी कहा था, ‘‘ गांधीनगर की बजाय इस सरकार की जगह नवी मुम्बई का तालोजा केंद्रीय कारागार या अहमदाबाद स्थित साबरमती का केंद्रीय कारागार होना चाहिए.’’