बेंगलूर : केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री कपिल सिब्बल ने आज इस बात पर चिंता जतायी कि वकालत एक व्यापार बन गया है और अब यह पेशा नहीं रहा. सिब्बल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में वकालत की प्रकृति में बदलाव आया है जबकि हमेशा से ऐसा माना जाता रहा है कि वकील सेवा प्रदाता हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए विधि एक पेशा है.’’ नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी (एनएलएसआईयू) के 21वें सालाना दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘बहरहाल, पिछले कुछ सालों में मैंने पाया है कि यह एक व्यापार बन चुका है. दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम ने की. उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एनएलएसआईयू के कुलाधिपति भी हैं.
सिब्बल ने कहा, ‘‘किसी व्यापार में ग्राहक और व्यापारी के बीच का रिश्ता निजी विश्वास का नहीं होता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुवक्किल और एक वकील के बीच विश्वास का रिश्ता होता है. कभी भी इस विश्वास को मत तोड़िए. मुआवजे (कंपेनशेसन) को सबसे नीचे की प्राथमिकता पर रखिए.’’ मंत्री ने कहा कि भारत में ऐसी वकालत को बढ़ावा देने की जरुरत है जहां सार्वजनिक हित में बिना मुआवजे के मुकदमे लड़े जाते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी वकालत से हाशिये पर पड़े तबके को गुणवत्तापूर्ण विधिक सेवा का लाभ मिल सकेगा.