नयी दिल्ली:सीरिया में हिंसा बढ़ने और अमेरिका द्वारा वहां सैन्य कार्रवाई की आशंका के बीच भारत ने सीरिया में रहनेवाले अपने सभी नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी है. विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘नागरिकों को सीरिया यात्र नहीं करने के लिए पहले जारी किया गया परामर्श प्रभावी बना हुआ है. सीरिया में 25-30 भारतीय हैं, सभी सुरक्षित हैं.’अमेरिका सीरिया में सैन्य हस्तक्षेप की दिशा में शनिवार को और आगे बढ़ा.
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि वह ‘कम अवधि, सीमित हमले’ की योजना बन रहे हैं, जिसमें ‘सेना जमीन पर नहीं उतारी जायेगी’. दूसरी ओर, युद्ध से जूझ रहे देश में रासायनिक हथियारों के कथित प्रयोग की जांच कर रहे संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ वहां से लेबनान पहुंच चुके हैं. अमेरिका ने अवर्गीकृत दस्तावेज का सारांश जारी कर कहा है कि 21 अगस्त को राष्ट्रपति बशर अल-असद सरकार के हमले में 426 बच्चों सहित 1,429 लोग मारे गये. दमिश्क के वरिष्ठ अधिकारी की बातचीत इंटरसेप्ट की गयी, जो ‘रासायनिक हथियारों के प्रयोग की पुष्टि’ करता है. इसके बाद अमेरिका कार्रवाई करने को लेकर प्रतिबद्ध है.
जो कहा,सही था
‘‘मैंने पहले भी कहा है, और जो कहा वह सही था, कि दुनिया के समक्ष बाध्यता है कि वह रासायनिक हथियारों के प्रयोग के खिलाफ बने कायदों का पालन सुनिश्चित करे.
बराक ओबामा, राष्ट्रपति, अमेरिका
अमेरिका कर रहा सीमित हमले की तैयारी
-जमीन पर नहीं उतारी जायेगी अमेरिकी सेना
-नेताओं ने कहा कि कार्रवाई के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध
-रासायनिक हमले की जांच करने गये संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ लौटे
-सीरिया में सभी भारतीय सुरक्षित, विदेश मंत्रलय मिशन के संपर्क में
रूस और चीन का वीटो
रूस और चीन ने सीरिया पर लाये गये दो प्रस्तावों पर वीटो किया है. रूस ने चेतावनी दी है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् को दरकिनार कर की गयी कोई भी एकतरफा सैन्य कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून का प्रत्यक्ष उल्लंघन होगा.