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लोकसभा में बोले राहुल – सूट-बूट वाली मोदी सरकार को किसानों के हितों की अनदेखी भारी पड़ेगी

04.22 PM राहुल ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए आगे कहा कि बीजेपी का तरीका यही रहा है कि वह सदन में कुछ कहती है, बाहर जनता के बीच कुछ और कहती है और फिर कहती है कि दोनों का मतलब एक ही है. गेहूं मंडियों में पड़ा हुआ है लेकिन सरकार इसे उठा […]

04.22 PM

राहुल ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए आगे कहा कि बीजेपी का तरीका यही रहा है कि वह सदन में कुछ कहती है, बाहर जनता के बीच कुछ और कहती है और फिर कहती है कि दोनों का मतलब एक ही है. गेहूं मंडियों में पड़ा हुआ है लेकिन सरकार इसे उठा नहीं रही है. किसान जब फर्टिलाइजर मांगने जाते हैं तो सरकार उन्हें डंडे मारकर भगा देती है. मोदी सरकार किसानों की नहीं बल्कि उद्योगपतियों और बड़े लोगों की सरकार है.

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह एक सूट-बूट की सरकार है और इसे हम भी जानते हैं और आप भी जानते हैं. फिर उन्होंने कहा कि चलिए, सूट की तो नीलामी हो गयी, इसलिए हम अब इसपर कुछ और नहीं कहेंगे. राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को आपके पीएम कहे जाने पर भाजपा के सदस्यों द्वारा की गयी आपत्ति पर राहुल ने पलटवार करते हुए पूछा कि ठीक है कि नरेन्द्र मोदी इस देश के पीएम हैं लेकिन क्या वह आपके पीएम भी हैं या नहीं !

राहुल ने आगे आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस देश की 60 प्रतिशत जनता खेती पर आश्रित है और यह सरकार साठ प्रतिशत जनता को नाराज कर रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव देते हुए कहा कि मोदी सरकार के लिए यह अच्छा होगा कि वो अपना साइड बदल ले. अगर वह 60 प्रतिशत किसानों और मजदूरों के पक्ष में आती है तो उसको बड़ा फायदा होगा.

04.22 Pm

16वीं लोकसभा में पहली बार बोलते हुए राहुल गांधी ने किसानों की दशा पर बोलते हुए कहा कि देश के विकास का आधार किसानों ने ही रखा है. चाहे वो आईटी हो या रक्षा क्षेत्र या अन्य दूसरे क्षेत्र. देश के विकास की बुनियाद की नींव किसानों के द्वारा ही रखी गयी है.

राहुल ने कहा कि इस देश में हरित क्रांति भी किसानों की देन थी और हमारी (कांग्रेस) पूर्ववर्ती सरकारों ने किसानों के अनाज की खरीद के लिए एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किये थे जिसकी वजह से किसानों को फायदा हो रहा था. लेकिन "अच्छे दिन" वाली इस वर्तमान एनडीए सरकार ने कृषि कर्ज, एमएसपी के मुद्दे पर देश को फेल किया है.

राहुल ने कहा कि हमारी पिछली यूपीए सरकार के शासन के दौरान किसानों के कर्ज में 700% की बढ़त की गयी थी जिसकी वजह से इस देश के 6.5 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था. जबकि इसके मुकाबले एनडीए की सरकार के दौरान महज 5 % की ही बढ़त हुई है और इसके अलावा किसानों की एमएसपी जस की तस है.

राहुल ने कहा कि हमारे समय में गेहूं का खरीद मूल्य 640 से बढाकर 1400 रुपये प्रति क्विंटल किया गया था, उसी तरह चावल की कीमत 560 रुपये से बढाकर 1310 रुपये प्रति क्विंटल किया गया था जबकि नरेंद्र मोदी जी की सरकार में इन सबमें महज 10 से 50 रुपये की ही बढ़ोतरी की गयी है.

यूपीए की सरकार के समय जहां कृषि विकास की दर 4.8% थी वहीं अटल जी के समय की एनडीए सरकार में यह महज 2.6% थी. जबकि इस सरकार में इसमें सिर्फ एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

राहुल ने इसको लेकर सरकार से सवाल किया कि आखिर जब देश के किसान इतनी तकलीफ में हैं तो भला इस देश का विकास कैसे होगा ! सरकार के मंत्रियों के बारे में बोलते हुए राहुल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तारीफ भी की.

राहुल ने कहा कि इस सरकार में सिर्फ नितिन गडकरी ही ऐसे नेता हैं जो सच बोलते हैं और दिल की बात कहते हैं. गडकरी के बहाने सरकार को निशाने पर लेते हुए राहुल ने कटाक्ष किया कि गडकरी जी ने एक सभा में किसानों से कहा था कि इस देश के किसान को न भगवान पर और ना ही सरकार पर भरोसा करना चाहिए. गडकरी ने जो कहा है वही इस सरकार के ‘मन की बात’ है.

01 : 03 pm

आज शाम चार बजे कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में किसानों की दशा पर बयान देंगे. इसमें वे बेमौसम बरसात से किसानों को हुए नुकसान से सदन को रू-ब-रू करवायेंगे. आपको बता दें 19 अप्रैल को कांग्रेस की ओर से दिल्ली के राम लीला मैदान में रैली रखी गईथीजिसमें राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला किया था. इसके एक दिन पहले शनिवार को देश के विभिन्न हिस्सों से आये किसानों से उन्होंने मुलाकात भी की थी.

12:15 pm

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूढी ने भूमि अधिग्रहण संशोधन अध्यादेश लोकसभा के पटल पर रख दिया है. लोकसभा में बिल पेश होने के बाद भी कांग्रेस का हंगामा जारी रहा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की टिप्पणी को लेकर भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

11:50 am

संसद में केंद्रीयराज्य मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि किसी का अपमान करना मेरा उद्देश्‍य नहीं था. मेरी बातों से यदि किसी को दुख पहुंचा हो तो मैं खेद प्रकट करता हूं. जिस वक्त वे सदन में खेद प्रकट कर रहे थे उस समय कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी भी सदन में मौजूद थीं.

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