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समर्थन वापसी के डर से मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मसरत आलम पर की कार्रवाई, भाजपा नेताओं ने व्यक्त की तीखी प्रतिक्रिया

नयी दिल्ली/श्रीनगर/कटरा : जम्मू कश्मीर में अलगाववादी मसरत आलम के द्वारा पाकिस्तान व आतंकवादी हाफिज सईदसमर्थक नारे लगाने के बाद पूरा देश आंदोलित है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुराने श्रीनगर में आज हिंसा भी भडकी. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का तेवर भी मसरत आलम के मुद्दे पर अचानक बदला. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ […]

नयी दिल्ली/श्रीनगर/कटरा : जम्मू कश्मीर में अलगाववादी मसरत आलम के द्वारा पाकिस्तान व आतंकवादी हाफिज सईदसमर्थक नारे लगाने के बाद पूरा देश आंदोलित है. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुराने श्रीनगर में आज हिंसा भी भडकी. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद का तेवर भी मसरत आलम के मुद्दे पर अचानक बदला. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ द्वारा कार्रवाई के लिए कहे जाने के बाद सईद ने पहले इसमें अरुचि दिखायी, लेकिन बाद में केंद्र के कडे तेवर पर उनका रुख नरम हुआ और वे मसरत पर कार्रवाई के लिए तैयार हुए.

सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मुद्दे पर भाजपा का रुख बेहद कडा था. पार्टी और सरकार की ओर से राजनाथ सिंह को इस मुद्दे पर ठोस फैसले के लिए अधिकृत कर दिया गया था. हालांकि पार्टी ने अपनी ओर से जम्मू कश्मीर मामलों को देख रहे महासचिव राम माधव को भी सक्रिय कर दिया था. पार्टी ने कल ही यह स्पष्ट कर दिया था कि उसने जम्मू कश्मीर में सरकार ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न होने देने के लिए नहीं बनायी है और यह किसी भी हाल में सहन नहीं किया जायेगा. भाजपा नेता जितेंद्र सिंह ने कहा है कि उनकी पार्टी आइडियोलॉजी के सवाल पर कोई समझौता नहीं करेगी.

कहा जा रहा है कि भाजपा ने मुफ्ती मोहम्मद सईद को स्पष्ट कर दिया था कि अगर वे अलगाववादी मसरत पर कार्रवाई नहीं करेंगे, तो उनकी पार्टी समर्थन वापसी से हिचकेगी नहीं, जिसके बाद मुफ्ती ने यह कार्रवाई की. उधर, अलगाववादी कश्मीर में यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि पीडीपी भाजपा के दबाव में फैसले कर रही है और अपनी जमीन खो रही है.

इस पूरे मुदद् पर भाजपा के विभिन्न नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी. इनमें से कुछ केंद्र सरकार में तो कुछ राज्य सरकार में शामिल हैं. कुछ पार्टी के पदाधिकारी हैं. पढिए उन्होंने क्या कहा :

भाजपा महासचिव राम माधव ने इस मामले मेंजोर दिया कि उनकी पार्टी की ओर से कोई दबाव नहीं था. ‘‘उन्होंने पूरी जांच और साक्ष्य जुटाने के बाद कार्रवाई की है.’’ पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि मसरत आलम की गिरफ्तारी अवश्यंभावी थी और भाजपा तथा केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी तरह की भारत विरोधी गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जायेगी.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरणरिजीजू ने कहा, ‘‘ कार्रवाई सरकार को करनी है और सरकार यह कर रही है. हम बहुत स्पष्ट हैं कि हम कश्मीर तथा देश में कहीं भी ऐसी सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे.’’ भाजपा और पीडीपी की राजनीतिक विचारधारा के एकदम भिन्न होने और चुनाव में खंडित जनादेश के कारण दोनों के साथ आने की बात करते हुए रिजीजू ने कहा, ‘‘ इसका यह मतलब नहीं है कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करेंगे. हम अपने नजरिए को बेहद स्पष्ट करते रहेंगे. भारत सरकार इसे पूरी तरह स्पष्ट कर चुकी है.’’
संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘‘ कोई भी जिसकी पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति है वह स्वीकार्य नहीं है. यहां कानून है, नियम है कानून अपना काम कर रहा है. हम अपने देश में नहीं चाहते कि कोई राष्ट्र विरोधी काम करे.’’ 45 वर्षीय कट्टरपंथी नेता मसरत आलम को बीती रात घर में नजरबंद कर दिया गया था और उसे आज सुबह हब्बाकदाल इलाके में उसके घर से गिरफ्तार कर शहीदगंज पुलिस स्टेशन ले जाया गया.
वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा, ‘‘ हमारा ऐसा संगठन है जिसके संस्थापकों ने देशभक्ति के नाम पर जम्मू कश्मीर की धरती पर अपने प्राण न्यौछावर किए थे और ऐसे में हमारे अपने अस्तित्व का मूल कहलाने वाले आधाभूत सिद्धांतों से भटकना हमारे लिए पाप है.’’ गिरफ्तारी पर टिप्पणी करते हुए गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा, ‘‘ गठबंधन सरकार जम्मू कश्मीर के हित में है , इसे भाजपा या केंद्र सरकार के लिए एक कमजोरी के रुप में नहीं देखा जाना चाहिए. हम इस बारे में पूरी तरह स्पष्ट हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक हमारी अवधारणा का संबंध है , हम भारतीय क्षेत्र के भीतर किसी प्रकार की भारत विरोधी गतिविधि बर्दाश्त नही करेंगे. इसलिए राज्य सरकार को हमारी तरफ से प्रोत्साहन था कि उन्हें और देरी किए बिना तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.’’ रिजीजू ने कहा कि वह इसे बेहद स्पष्ट करना चाहते हैं कि कोई भी जो भारतीय व्यवस्था का उल्लंघन करता है या ऐसा काम करता है जो देश के राष्ट्रीय गौरव और राष्ट्रीय भावनाओं पर नकारात्मक असर डालता है या कानून का उल्लंघन करता है तो ‘‘संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के साधन हैं.’’ उन्होंने कहा कि आलम का आचरण ऐसा रहा है कि जो ‘‘राष्ट्रीय हितों को गिराता है ’’और इसलिए नियमों के अनुसार उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे लोग हैं जो घाटी में अनावश्यक तनाव फैलाने का प्रयास कर रहे हैं जहां बहुसंख्यक लोग ऐसे विचार नही रखते हैं. कुछ छोटे मोटे तत्व हैं जो इस प्रकार पाकिस्तानी झंडा लहराते हैं या पाकिस्तान समर्थक नारेबाजी करते हैं. वे बहुसंख्यक कश्मीरी नहीं हैं. ये मामूली तत्व हैं.’’
वहीं,अलगाववादियों को सख्त चेतावनी देते हुए जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने आज कहा कि राज्य सरकार, प्रदेश में इनके उकसावे वाले कार्यो को फिर बर्दाश्त नहीं करेगी और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर उकसावे और पाकिस्तानी झंडा लहराने की घटना दोबारा होती है तब हम फिर कार्रवाई करेंगे. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.’’ कटरा में पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में हिस्सा लेने आए भाजपा नेता से जब यह पूछा गया कि क्या मुफ्ती सरकार भाजपा के दबाव में आ गयी तब उन्होंने कहा, ‘‘ यह दबाव का प्रश्न नहीं है. वास्तव में सरकार ने कार्रवाई की. जवाबदेही संयुक्त रूप से है जो राज्य और केंद्र सरकार की है.’’ राज्य के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारंभ से ही हमने यह कहा कि हम कार्रवाई करने जा रहे हैं और हमने कार्रवाई की. हम जम्मू कश्मीर में फिर ऐसी घटना नहीं होने देंगे.
सिंह ने कहा कि जहां तक इस घटना के प्रभाव का सवाल है, यह बहुत बडा नहीं है क्योंकि उन्हें इतना समर्थन नहीं है. लेकिन ऐसी अकेली घटना गलत संदेश देती है. यह संदेश देती है कि सरकार दबाव में आ गयी है. अगर ऐसी घटना दोहराई गयी तब हम फिर कार्रवाई करेंगे. हम इसे सहन नहीं करेंगे.

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