जम्मू: कश्मीर में प्रस्तावित टाउनशिप में कश्मीरी पंडितों की वापसी के सिलसिले में अलगाववादियों, हुर्रियत और निर्दलीय विधायक इंजीनियर के विरोध के स्वर तथा मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के यू-टर्न को लेकर कडी आलोचना करते हुए विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने आज प्रदर्शन किया और उनके पुतले फूके.
ऑल डिस्प्लेस्ड माइग्रेंट वेलफेयर कमिटी के अध्यक्ष टी एन कौल की अगुवाई में 200 से अधिक कश्मीरी पंडितों ने जम्मू शहर के बाहरी इलाके में मुथी शिविर में मार्च किया तथा अलगाववादियों, हुर्रियत, इंजीनियर राशिद और मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन किया.अलगावादियों और राशिद के खिलाफ नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने घाटी में कश्मीरी पंडितों की वापसी का विरोध करने को लेकर उनके पुतले फूके.
उन पर कडा प्रहार करते हुए प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि ये अलगाववादी एवं हुर्रियत कश्मीर में पाकिस्तान समर्थक लोगों की वही जमात हैं जिन्होंने कश्मीर में उग्रवाद की चिंगारी भडकाकर कश्मीरी पंडितों को घाटी से खदेड दिया और अब वे उनकी वापसी का विरोध कर रहे हैं.
कश्मीरी पंडितों ने कहा, ‘‘हुर्रियत, अलगाववादियों और उग्रवादियों ने कश्मीरी पंडितों की हत्या कर, घाटी में आतंकवाद की चिंगारी भडकाकर और उनमें भय पैदा कर उन्हें घाटी छोडने को मजबूर कर दिया. उन्होंने कश्मीर को धर्मनिरपेक्ष राज्य से इस्लामिक राज्य बना दिया. ’’ कौल ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब वे कश्मीर में हमारी वापसी के खिलाफ चट्टान की तरह अडे हैं. वे सांप्रदायिक होने को लेकर दुनिया में बेनकाब हो गए हैं.’’
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद भी उनके दबाब के आगे झुक गए और उन्होंने कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को बसाने के लिए प्रस्तावित टाउनशिप पर यू टर्न ले लिया. नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी जैसे मुख्यधारा के दल इन बस्तियों में कश्मीरी पंडितों की वापसी का विरोध करने में अलगाववादियों से भिन्न नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘देखिए, श्रीनगर में डल झील के निवासियों के लिए अलग कॉलोनियां बनायी गयीं. जम्मू में मुसलमानों के लिए अलग बस्तियां जैसे भटिंडी, सिध्रा बनीं. ’’ इंजीनियर राशिद के इस बयान के लिए कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोडने के लिए माफी मांगनी चाहिए, उन पर करारा प्रहार करते हुए कौल ने कहा कि वह बीमार मानसिकता के प्रतीक हैं और ऐसे लोगों को जेल में डाल देना चाहिए.