नयी दिल्ली: डालर के मुकाबले रुपये के आज 68.75 के नए न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाने पर विपक्ष ने कहा कि इस स्थिति से उबरने के मामले में सरकार में विचारों का दिवालियापन आ गया है और उसे सत्ता से हट जाना चाहिए.भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि रुपया और बाजार को स्थिर करने के लिए केवल यही रास्ता बचा है कि यह सरकार इस्तीफा दे और चुनाव कराए.’’
पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था आईसीयू में वेन्टलेटर पर है. उन्होंने कहा कि चालू खाते के घाटे और वित्तीय घाटे के साथ ही वर्तमान सरकार में निवेशकों के पूर्ण अविश्वास के कारण रुपये के अवमूल्यन का हर दिन नया रिकार्ड बन रहा है.
सिन्हा के विचारों से सहमति जताते हुए प्रसाद ने कहा, ‘‘यह सरकार जितनी जल्दी जाए, देश के लिए उतना अच्छा होगा. यह सरकार संकट से निकलने के मामले में विचारों के पूर्ण दिवालियापन से ग्रस्त है.’’ प्रसाद ने कहा, प्रधानमंत्री इस संकट पर खामोश क्यों हैं? अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री होने के नाते उन्हें देश को बताना चाहिए कि इस संकट से उबरने के लिए उनकी सरकार क्या कदम उठा रही है.
कम्युनिस्ट पार्टी के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि देश ‘आर्थिक आपातकाल’ की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि सटोरियों की पौ बारह हो रही है और सरकार इस स्थिति को काबू करने की कोई राजनीतिक इच्छा शक्ति नहीं दिखा रही है.