नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति की नृशंस हत्या के मामले में दो भाइयों को मृत्युदंड सुनाया. दोनों ने छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसे मार डाला था. अदालत ने कहा कि यह दुर्लभतम मामला है.अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लउ ने कहा कि जिस तरह से सुनील और सुधीर ने इस अपराध की साजिश रची और अंजाम दिया, वैसे में वे उदारता के पात्र नहीं है.
अदालत ने कहा कि इस तरह के अपराध करने वालों को यदि समाज से नहीं निकाला गया तो वे समाज को ही बर्बाद कर देंगे. सुनील एवं सुधीर ने अपनी बहन की सम्मान में उठ खड़े होने वाले भाई की आवाज हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दी जिससे समुदाय हक्का बक्का और स्तब्ध है.
अदालत ने अन्य आरोपी सुरेंद्र, सुरेश, राजकुमार और संजय को उम्रकैद की सजा सुनायी एवं उन पर एक एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया. जुर्माना राशि सुभाष (लड़की के भाई) के परिवार को जाएगी.
दरअसल यह घटना 20 जुलाई, 2000 की है. सुलतानपुरी में कुछ कांवरिया सड़क पर नाच रहे थे और वहां के लोग उन्हें देख रहे थे. उन्नीस वर्षीय एक लड़की भी अपनी मां के साथ यह देख रही थी, तब कुछ स्थानीय गुंडे सुनील और सुधीर वहां से गुजरे और उन्होंने उसे अश्लील संकेत किए. उसके भाई और मां ने उसका विरोध किया.