नयी दिल्ली : बसपा प्रमुख मायावती ने स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू के खिलाफ आज कडी कार्रवाई की मांग की जबकि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि भागने की बजाय आसाराम को जोधपुर पुलिस के समक्ष पेश होकर जांच में मदद करनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि आसाराम पर 16 वर्षीय एक नाबालिग लडकी ने यौन उत्पीडन का आरोप लगाया है और इस सिलसिले में पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है.
आसाराम के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग करते हुए मायावती ने यहां संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि राजस्थान सरकार को ऐसे लोगों को छोडना नहीं चाहिए.
उधर दिग्विजय सिंह ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि आसाराम के खिलाफ ऐसी शिकायत हुई हो. मैं कहूंगा कि भागने की बजाय आसाराम बापू को जोधपुर पुलिस के समक्ष पेश होकर जांच में सहयोग करना चाहिए. कांग्रेस नेता से भाजपा की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा आसाराम का समर्थन करने के बारे में सवाल किया गया था.
सिंह ने कहा कि किसी महिला या लडकी द्वारा शिकायत किये जाने पर खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा आरोपी पर होता है. आसाराम यदि सोचते हैं कि वह निर्दोष हैं तो उन्हें पुलिस के समक्ष पेश होना चाहिए.
जोधपुर पुलिस ने कल आसाराम बापू के अहमदाबाद स्थित प्रतिनिधि को सम्मन दिये. आसाराम से कहा गया है कि वह 30 अगस्त तक पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष पेश हों.
आसाराम पर भारतीय दंड संहिता की धारा-376 (बलात्कार), धारा-342 (जबरन कैद रखना), धारा-506 (आपराधिक धमकी) और धारा-509 (किसी महिला की लज्जा का अपमान करने के उद्देश्य से इस्तेमाल शब्द, भंगिमा या कृत्य), बाल यौन अपराध रोकथाम कानून (पोस्को) की धारा-8 और किशोर न्याय कानून की धारा-23 और 26 लगायी गयी है.